नई दिल्ली/भोपाल: जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) से पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दवार नेता कमलनाथ (Kamalnath) के अपने बेटे नकुलनाथ के साथ BJP में शामिल होने की जबरदस्त अटकलें लग रही हैं। वहीं इन अटकलों को और भी हवा मिली जब कमलनाथ और नकुलनाथ (Nakulnath) ने राजधानी दिल्ली का रुख किया। इन सब के बीच अब यह साफ़ है कि मध्य प्रदेश में और ख़ास कर इसके छिंदवाडा जिले में ‘ऑपरेशन लोटस’ (Operation Lotus) एक्टिव मोड में आ चूका है।
हालांकि इस प्रकार की अटकलों से कांग्रेस आलाकमान अलर्ट हो गया है। कांग्रेस विधायकों को रोकने की कवायद में पार्टी संगठन अब जुट गया है। प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस विधायकों के संपर्क में हैं। इसके साथ ही वन टू वन विधायकों से संपर्क किया जा रहा है। कमलनाथ समर्थकों के अनुसार, 7 विधायकों के भी BJP में शामिल होने की संभावना है।
खबर यह भी है कि, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी दिल्ली की तरफ रवाना हो चुके हैं। वहीं, कमलनाथ के करीबी विधायकों की अगर बात की जाए तो उनमें बैहर से संजय उईके, पांढुर्णा से नीलेश उईके, परासिया से सोहन वाल्मीकि, सौंसर से विजय चौरे, अमरवाड़ा से कमलेश शाह, मुरैना से दिनेश गुर्जर,परसवाड़ा से मधु भगत, वारासिवनी से विवेक पटेल, जबलपुर से लखन घनघोरिया, लखनादौन से योगेंद्र सिंह, केवलारी से रजनीश सिंह, वारासिवनी से विक्की पटेल, सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा, जुन्नारदेव से सुनील उईके, चौरई से सुजीत चौधरी शामिल हैं। इसके अलावा मुरैना, जबलपुर और छिंदवाड़ा के मेयर भी कमलनाथ के साथ हैं।
इधर कमलनाथ के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों के बीच उनके बेटे एवं सांसद नकुलनाथ ने सोशल मीडिया पर अपने परिचय से कांग्रेस हटा दिया है।बता दें कि नकुलनाथ, कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से सांसद हैं। कमलनाथ पहले नौ बार इस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वहीं बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच, कमलनाथ बीते शनिवार दोपहर दिल्ली पहुंचे और कहा कि अगर ऐसी कोई बात होगी, तो वह पहले मीडिया को बताएंगे। पत्रकारों के साथ अपनी संक्षिप्त बातचीत में कमलनाथ ने मीडियाकर्मियों को अति उत्साहित नहीं होने को भी कहा।
हालांकि वहीं MP कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने बीते शनिवार को कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को अपना “तीसरा बेटा” बताया था और उन अटकलों को खारिज कर दिया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं। वहीं पार्टी में कमलनाथ के सहयोगी और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इन अटकलों को खारिज किया और इन बातों को “मीडिया की उपज” करार दिया।
दरअसल बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में BJP के हाथों कांग्रेस की करारी हार के बाद छिंदवाड़ा सीट से मौजूदा विधायक कमलनाथ को मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि, वह राज्यसभा नहीं भेजे जाने से नाखुश हैं और पिछले साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी अब उनके विरोध में हैं।
हालांकि बीते कुछ दिनों से कमलनाथ के पाला बदलने की अटकलें हैं, लेकिन शुक्रवार को इन्हें फिर से तब हवा मिली जब प्रदेश BJP अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ और उनके बेटे अगर अयोध्या में आयोजित राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के बहिष्कार के कांग्रेस के फैसले से नाखुश हैं तो उनका भाजपा में स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे (कमलनाथ व नकुलनाथ) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश और समाज की सेवा करने के लिए BJP में शामिल होना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।
साल 2019 के आम चुनावों में बीजेपी ने छिंदवाड़ा को छोड़कर राज्य की 29 लोकसभा सीट में से 28 पर जीत हासिल की थी। देखा जाए तो कमलनाथ ने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया है। उनका मध्य प्रदेश के साथ संबंध 1979 से है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना तीसरा बेटा बताया था। उनका जन्म 1946 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था।