एनडीए संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी को सम्मानित किया गया, फोटो: सोशल मीडिया
NDA MPs Meeting: संसदीय दल की अहम बैठक में एनडीए के सभी सांसदों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है, जिससे कामकाज ठप है।
बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सफल ऑपरेशन सिंदूर और सरकार की सख्त रणनीति के लिए सम्मानित किया गया। राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने पीएम को माला पहनाकर सम्मानित किया।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सफल ऑपरेशन सिंदूर और सरकार की सख्त रणनीति के लिए सम्मानित किया गया। संसद में हाल ही में इस ऑपरेशन पर दो दिन की विशेष चर्चा भी हो चुकी है, जिसमें विपक्ष ने संघर्ष विराम और सुरक्षा चूक पर सवाल उठाए थे।
बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी, जिसके बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि केंद्र सरकार 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा लौटाने की दिशा में कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है। यह तारीख इसलिए भी खास है क्योंकि 5 अगस्त 2019 को ही अनुच्छेद 370 हटाया गया था।
#WATCH | Delhi: PM Narendra Modi was welcomed and felicitated with a thunderous applause amid chants of ‘Har Har Mahadev’, after the success of Operation Sindoor and Operation Mahadev, at the NDA Parliamentary Party Meeting. pic.twitter.com/DO4SjNPOAh
— ANI (@ANI) August 5, 2025
अब तक संसद का मानसून सत्र विपक्ष के विरोध के कारण सुचारु रूप से नहीं चल पाया है। एसआईआर विवाद, चुनाव आयोग की भूमिका, पहलगाम आतंकी हमला जैसे मुद्दों पर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन सांसदों को आगे की रणनीति, जनसंपर्क के मुद्दे और विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के तरीके बताएगा।
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एनडीए संसदीय दल की यह बैठक अब केवल भाजपा तक सीमित नहीं रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद इसमें टीडीपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास) और अन्य सहयोगी दलों के सांसद भी शामिल होते हैं। इन बैठकों का उद्देश्य सरकार की उपलब्धियों को साझा करना, आगामी सत्र की रणनीति तय करना और सांसदों को जनता के बीच प्रभावी रूप से प्रस्तुत करना होता है।