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नई दिल्ली: एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने एक पैन-इंडिया डार्क नेट ड्रग तस्करी कार्टेल का भंडाफोड़ किया है। यह मामला ड्रग कार्टेल के पैन इंडिया नेटवर्क से जुड़ी है, जहां आरोपी डार्कनेट के जरिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे थे। मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पिछले 2 दशकों में अब तक की सबसे बड़ी जब्ती
NCB उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया, हमने दो मामलों में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है और 15,000 एलएसडी ड्रग की जब्ती की है, जो व्यावसायिक मात्रा का 2.5 गुना है। इसकी व्यावसायिक मात्रा .1 ग्राम है। यह एक सिंथेटिक दवा है और बहुत खतरनाक है। यह पिछले 2 दशकों में सबसे बड़ी जब्ती है।
पोलैंड, नेदरलैंड और USA जैसे देशों से मंगाकर भारत में सप्लाई
NCB उप महानिदेशक ने बताया कि यह व्यवासायिक मात्रा में LSD बेचने का एक बड़ा नेटवर्क था जो पोलैंड, नेदरलैंड और USA जैसे देशों से मंगाकर भारत में इसकी सप्लाई करता था। ये सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों से जुड़ते थे और UPI के माध्यम से पैसे लेते थे। 15,000 ब्लॉट्स लगभग 2.5 हज़ार गुना व्यवसायिक मात्रा पकड़ी गई है।
देश के कई राज्यों में फैला है तार
ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि ये एक बड़ा नेटवर्क था जिसके तार पोलैंड, नीदरलैंड, USA से होते हुए भारत के विभिन्न राज्य जैसे दिल्ली-NCR, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश आदि में फैले हुए थे। इसमें अधिकतर लोग शिक्षित युवक हैं और उपभोक्ता युवा वर्ग के छात्र हैं।
LSD ड्रग्स क्या है
एलएसडी को अमीरों का नशा कहा जाता है। एलएसडी ड्रग्स का पूरा नाम लाइसर्जिक एसिड डाइएथाइलामाइड ड्रग्स है। इसके एक स्टैम्प यानी डाक टिकट जितना साइज की कीमत 4-5 हजार रुपये तक होती है। LSD ड्रग्स का नशा करने वाले लोग इसे स्वर्ग का टिकट भी कहते हैं। पार्टीखोर यंगस्टर्स का यह सबसे पसंदीदा नशा माना जाता है। भारत में एलएसडी लिक्विड और पेपर दोनों फॉर्म में मिलती है। अमेरिका, ग्रीस, नीदरलैंड, जर्मनी जैसे देशों से तस्करी के जरिये इस नशे को इंडिया में लाया जाता है।