नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल संजय वत्सायन, फोटो- सोशल मीडिया
Indian Navy: भारतीय नौसेना चीन के युद्धपोतों की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखे हुए है। नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल संजय वत्सायन ने एक महत्वपूर्ण खुलासा करते हुए बताया कि चीनी युद्धपोत भारतीय नौसेना के रडार पर लगातार बने हुए हैं। इस निगरानी के संदर्भ में पाकिस्तान का भी उल्लेख किया गया है।
भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए सतर्क है। नौसेना के उप प्रमुख ने इस संबंध में एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि चीन के युद्धपोत हमेशा भारतीय नौसेना के रडार पर बने हुए हैं। यह लगातार निगरानी भारतीय समुद्री हितों की सुरक्षा और किसी भी अप्रत्याशित गतिविधि पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए आवश्यक है।
हाल के वर्षों में, चीन ने हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। अपनी नौसैनिक क्षमता और विस्तारवादी नीतियों के कारण, भारत के लिए चीनी युद्धपोतों की गतिविधियों की बारीकी से जांच करना अनिवार्य हो जाता है। नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल संजय वत्सायन का यह बयान पुष्टि करता है कि भारत की समुद्री सुरक्षा रणनीति में चीन की निगरानी प्राथमिकता पर है।
इस खुलासे के दौरान, नौसेना उप प्रमुख ने पाकिस्तान का भी उल्लेख किया है। हालांकि, उपलब्ध स्रोत में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पाकिस्तान का जिक्र सीधे तौर पर किस संदर्भ में किया गया था- चाहे वह संयुक्त अभ्यास हो, समुद्री सहयोग हो, या भारत के लिए सुरक्षा चुनौती। लेकिन इस बात का उल्लेख होना दर्शाता है कि भारतीय नौसेना चीन और पाकिस्तान दोनों की गतिविधियों को एक समेकित सुरक्षा परिदृश्य के तहत देख रही है। भारत अपनी सुरक्षा तैयारियों को पुख्ता रखने के लिए इन दोनों देशों से जुड़े घटनाक्रमों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
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आसान भाषा में कहें तो भारतीय नौसेना द्वारा चीनी युद्धपोतों की निगरानी करना ठीक वैसा ही है जैसे कोई ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर लगातार आस-पास के हवाई क्षेत्र में उड़ रहे अपरिचित विमानों को ट्रैक करता है। यह केवल उपस्थिति जानने के लिए नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि उनकी गतिविधि देश की सुरक्षा रेखाओं का उल्लंघन न करे।