नवनीत सहगल (डिजाइन फोटो)
Bureaucracy News: बीती देर रात योगी आदित्यनाथ के करीबी अधिकारियों में रहे एक नवनीत सहगल ने प्रसार भारती के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद से यह सवाल नौकरशाही गलियारों का यक्ष प्रश्न बन गया कि आखिर सहगल ने इतना बड़ा निर्णय क्यों लिया? लेकिन अब इस सवाल का जवाब सामने आ गया है।
दरअसल, जिस तरह सियासत में राजनेताओं के बीच उठापटक का खेल चलता है। ठीक उसी तरह ब्यूरोक्रेसी में भी पॉलिटिक्स खूब चलती है। उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में इसके सैकड़ों उदाहरण मिल जाएंगे। बाकी केन्द्र और दूसरी राज्यों की ब्यूरोक्रेसी में भी कमोबेस ऐसा देखने को मिलता है।
उत्तर प्रदेश में नवनीत सहगल एक ऐसे ब्यूरोक्रेट रहे जिनकी हर सरकार में सीएम से नजदीकी देखने को मिली। वो सख्त मिजाज मुख्यमंत्री मायावती के अत्यंत करीबियों में शामिल रहे। उसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार में पहले उनकी अनदेखी हुई, लेकिन बाद में वहां भी उन्होंने अपनी गहरी पैठ बना ली।
साल 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार इसमें भी वह अपने काम की बदौलत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीब हो गए। हालांकि कुछ लोग ऐसे थे जो सहगल को पसंद नहीं करते थे। लेकिन वह अपने मिशन में लगे रहे।
उत्तर प्रदेश में सहगल के साथ उनके रिटायरमेंट के कुछ दिनों पहले तक उनकी पोस्टिंग को जो लेकर जो कुछ हुआ वह सबने देखा। लेकिन रिटायरमेंट के बाद अंतिम समय में उन्होंने जब खेल खेला तो गेंद बाउंड्री के बाहर चली गई।
नवनीत सहगल व योगी आदित्यनाथ (सोर्स- सोशल मीडिया)
नवनीत रिटायर होने के बाद प्रसार भारती के अध्यक्ष बना दिए गए प्रसार भारती में उनके कार्यकाल के दौरान तमाम परिवर्तन हुए। अब एक बार फिर इस्तीफा देने के बाद दिल्ली के गलियारों में यह चर्चा है कि नवनीत सहगल जल्द ही नई दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाए जा सकते हैं।
नवनीत कुमार सहगल को 16 मार्च, 2024 को प्रसार भारती का चेयरमैन बनाया गया था। वे 2023 में उत्तर प्रदेश में स्पोर्ट्स और यूथ वेलफेयर के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए। उनका अपॉइंटमेंट वाइस प्रेसिडेंट जगदीप धनखड़ की हेड वाली सिलेक्शन कमिटी की सिफारिश पर किया गया था।
1963 में पंजाब के फरीदकोट में जन्मे नवनीत सहगल की शुरुआती पढ़ाई हरियाणा में हुई, जहां उनके पिता काम करते थे। अंबाला से दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद सहगल भिवानी में रहे और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1982 में, 19 साल की उम्र में सहगल ने बी. कॉम की डिग्री ली। वह सिविल सर्विस में जाना चाहते थे, लेकिन अप्लाई करने के लिए बहुत छोटे थे।
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इसके बाद सहगल ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) कोर्स में एडमिशन लिया। उन्होंने 1986 में CA कोर्स पूरा किया। अगले साल उन्होंने कंपनी सेक्रेटरी का कोर्स भी पूरा किया। CA से ग्रेजुएशन करने के बाद सहगल ने प्रैक्टिस और सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। बड़ी कंपनियों के कंसल्टेंट के तौर पर सहगल ने देश भर में कई नई फैक्ट्रियां शुरू करने में मदद की।