देश के कई राज्यों में मानसूनी बारिश अब आपदा का रूप ले चुकी (फोटो- सोशल मीडिया)
देश के कई राज्यों में मानसूनी बारिश अब आपदा का रूप ले चुकी है। राजस्थान, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में हालात बेकाबू हैं। कहीं सड़कों पर पानी बह रहा है तो कहीं नदियां उफान पर हैं। मंडी में बादल फटने से 4 मौतें हो चुकी हैं, जबकि 16 लोग लापता हैं। प्रयागराज और वाराणसी में गंगा-यमुना खतरे के निशान पर हैं। वहीं, बिहार में आकाशीय बिजली गिरने से 5 लोगों की जान चली गई।
राजस्थान के अलवर में सोमवार को भारी बारिश के कारण सड़कों पर दो फीट तक पानी भर गया। राजीव गांधी गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल और महिला पुलिस थाने में भी पानी घुस गया। धौलपुर में नेशनल हाईवे-123 की सड़क दो हिस्सों में कट गई। वहीं, उत्तराखंड के कोटद्वार-बद्रीनाथ मार्ग और यमुनोत्री हाईवे पर लैंडस्लाइड से यातायात पूरी तरह बाधित है। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी से मंदिर डूब गए हैं।
हिमाचल में बादल फटा, मंडी में 9 लोग लापता
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 4 जगह बादल फटने से बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाएं हुईं। DIG सौम्या सांबशिवन ने बताया कि गोहर इलाके में SDRF और NDRF की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। कुकलाह में कई घर और एक मंदिर बाढ़ में बह गए हैं। मंडी के बिजनी में निर्माणाधीन टनल का हिस्सा ढहने से मलबे में मशीनें दब गईं। हमीरपुर में 20 लोगों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया।
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यूपी-बिहार में बाढ़ और बिजली का संकट
प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी से घाट जलमग्न हो चुके हैं। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मंदार ने बताया कि 88 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं और फ्लड रिस्पॉन्स टीम सक्रिय है। वाराणसी में भी गंगा घाटों की ऊपरी सीढ़ियों तक पहुंच गई है। वहीं, बिहार में बिजली गिरने से 5 लोगों की मौत हो गई है। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में तीन बच्चे गागर नदी में फंस गए थे, जिन्हें तीन घंटे बाद सुरक्षित निकाला गया। हरियाणा के करनाल में यमुना में अचानक बाढ़ आ जाने से डंपर और जेसीबी डूब गए, लेकिन ड्राइवरों ने समय रहते जान बचा ली।