कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे (फोटो- सोशल मीडिया)
बेंगलूरु: नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट पर कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे का बयान राजनीति में एक नई सुगबुगाहट पैदा कर रहा है। खड़गे ने सीधे सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे अपने संगठन को दान नहीं देंगे, तो क्या आरएसएस को दान दें? उन्होंने भाजपा नेताओं से तीखे सवाल करते हुए कहा कि अगर मोदी, राजनाथ सिंह और येदियुरप्पा ने आरएसएस को दान दिया है, तो क्या इसी के बदले वे मंत्री बने हैं? उनके इस बयान ने एक बार फिर सत्ता और संगठन के रिश्तों पर खूब जोरदार बहस छेड़ दी है।
प्रियांक खड़गे ने अपने बयान में यह भी कहा कि जिन पैसों से दान दिया गया है, वह कमाने का जरिया भी कानूनी है, ट्रांजेक्शन भी पारदर्शी है और लेने वाला संगठन भी वैध है। ऐसे में इसे मनी लॉन्ड्रिंग कहना हास्यास्पद है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि अगर भाजपा का ये मानना है कि संगठन को दिया गया दान किसी पद के बदले है, तो यही तर्क आरएसएस पर भी लागू करना चाहिए, जहां से कई बड़े नेता निकले हैं।
#WATCH | Bengaluru, Karnataka | On ED chargesheet in National Herald case, Karnataka Minister Priyank Kharge says, “If we don’t donate to our organisations, will we donate to RSS? Take out the list of donors for RSS. Do they mean that if Yediyurappa, Rajnath Singh, and PM Modi… pic.twitter.com/BchnuF9BeU
— ANI (@ANI) May 24, 2025
अब संगठन को दान देना भी अपराध
प्रियांक खड़गे ने बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए ईडी की चार्जशीट पर सवाल उठाए और भाजपा के तर्क को पूरी तरह से खारिज किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के संगठन या एनजीओ को दान देने को मनी लॉन्ड्रिंग कहा जाना न केवल अनुचित है, बल्कि यह राजनीतिक बदले की भावना का हिस्सा भी लगता है। उन्होंने यह भी पूछा कि यदि दान लेन-देन पारदर्शी और वैध है, तो फिर इसमें अपराध कहां है?
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अगर RSS को दान देना वैध है तो कांग्रेस को क्यों नहीं
प्रियांक खड़गे ने भाजपा नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि यदि आरएसएस को दिया गया दान किसी को मंत्री या विपक्ष का नेता बना सकता है, तो कांग्रेस संगठन को दिया गया दान कैसे गैरकानूनी हो सकता है? उन्होंने कहा कि भाजपा को पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि आरएसएस को दान देने वाले नेताओं की सूची क्या है और क्या उन्हें पद देने के पीछे वही कारण था?