तुषार गांधी (सोर्स -सोशल मीडिया)
तिरुवनंतपुरम/कोच्चि: महात्मा गांधी के परपौत्र तुषार गांधी अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) को खतरनाक बताते हुए तीखी टिप्पणी की, जिसके बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी की मांग उठ रही है। हाल ही में तिरुवनंतपुरम के नेय्याट्टिनकारा में एक गांधीवादी नेता की प्रतिमा के अनावरण के दौरान तुषार गांधी ने कहा कि संघ और भाजपा केरल में प्रवेश कर चुके हैं, जो एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने संघ को “खतरनाक शत्रु” बताते हुए कहा कि वे अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे और न ही माफी मांगेंगे। इस बयान के बाद भाजपा और आरएसएस के समर्थकों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कानूनी कार्रवाई की मांग की।
तुषार ने तिरुवनंतपुरम के नेय्याट्टिनकारा में दिवंगत गांधीवादी विचारधार के नेता पी गोपीनाथन नायर की मूर्ति का अनावरण करते हुए भाजपा और आरएसएस को खतरनाक और कपटी शत्रु कह दिया, जो केरल में प्रवेश कर चुके हैं। तुषार ने आरएसएस को जहर भी कहा दिया था, जिसके बाद से भाजपा-आरएसएस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और उनकी कार रोक दी।
तुषार गांधी के बयान से भाजपा भड़क गई और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगी। भाजपा नेता वी मुरलीधरन ने उन पर आरोप लगाया कि वे महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल करके राजनीतिक और आर्थिक लाभ लेना चाहते हैं। भाजपा का कहना है कि उनके बयान से सांप्रदायिक माहौल खराब हो सकता है, इसलिए उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
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कोच्चि में एक अन्य कार्यक्रम में तुषार गांधी ने साफ कर दिया कि वे अपने शब्दों को वापस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अब और भी जरूरी हो गई है और वे अपने विचार व्यक्त करने से पीछे नहीं हटेंगे। वहीं, आरएसएस समर्थकों ने उनकी कार को घेरने की भी कोशिश की, जिससे तनाव बढ़ गया। इस मामले में अब कानूनी कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। अपने हालिया बयान पर आज यानि 14 मार्च शुक्रवार को महात्मा गांधी के परपौत्र तुषार गांधी ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ अपने बयानों को न तो वापस लेंगे और न ही उनके लिए माफी मांगेंगे। वहीं, भाजपा और आरएसएस दोनों ने मांग की है कि तुषार गांधी को उनकी टिप्पणियों के लिए गिरफ्तार करना चाहिए।