असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (फोटो- सोशल मीडिया)
CM Himanta Sarma Warn Kharge-Rahul: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे पर बड़ा आरोप लगाया है। सरमा का कहना है कि अगर जांच में यह साबित होता है कि इन दोनों नेताओं के बयानों ने असम के गुवाहाटी के पास पैकन रिजर्व फॉरेस्ट में अतिक्रमणकारियों को उकसाया है, तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएगी।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि खड़गे और राहुल गांधी ने अपने हालिया असम दौरे के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और चायगांव में एक जनसभा को संबोधित किया। उनके अनुसार, इन नेताओं के शब्दों ने अतिक्रमणकारियों का मनोबल बढ़ाया और अगले ही दिन पैकन वन में पुलिस पर हमला कर दिया गया। इस हिंसक झड़प के दौरान एक नागरिक की मौत हो गई थी और इसमें कई पुलिसकर्मियों समेत 20 से ज़्यादा लोग घायल हुए।
कोरी भाषणबाजी नहीं, जांच के बाद कार्रवाई
सरमा ने कहा कि पुलिस ने पहले ही मामला दर्ज कर लिया है और राहुल-खड़गे के भाषणों की जांच की जा रही है। अगर इन भाषणों में हिंसा भड़काने के कोई संकेत मिलते है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरमा ने दोहराया कि सरकार जमीन जिहाद और अतिक्रमण के खिलाफ पूरी सख्ती से काम कर रही है।
2026 के चुनावों में ‘जेल भेजो हिमंत’ का एजेंडा
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस 2026 का विधानसभा चुनाव हेमंता को जेल भेजने के एजेंडे पर लड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि किस पार्टी का चुनावी घोषणापत्र सिर्फ यही होगा कि मुख्यमंत्री को जेल में डाला जाएगा? उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस खुद राहुल गांधी की बातों को गंभीरता से नहीं लेती।
सीएम सरमा का पलटवार
राहुल गांधी के ‘जनता हेमंता को जेल भेजेगी’ वाले बयान पर मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि असली सवाल यह है कि राहुल गांधी जेल कब जाएंगे। ईडी द्वारा रॉबर्ट वाड्रा की संपत्तियों की जब्ती का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि देश की कई जेलें गांधी परिवार का इंतजार कर रही हैं।
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कांग्रेस की आंतरिक बैठक पर भी सरमा
हेमंता बिस्वा सरमा ने यह भी दावा किया कि उन्हें कांग्रेस की आंतरिक बैठकों की जानकारी पार्टी के ही कुछ सदस्यों से मिलती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चायगांव की बैठक में कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को पीछे बैठाया और उनसे टोपी और दाढ़ी हटाने को कहा। उन्होंने इसे कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति करार दिया।