RJD चीफ लालू यादव (फोटो- सोशल मीडिया)
Lalu Yadav Verdict: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बहुचर्चित आईआरसीटीसी और लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। विशेष सीबीआई अदालत के इस फैसले को बिहार चुनाव से पहले RJD के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। अब इन तीनों नेताओं पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मुकदमा चलेगा।
यह फैसला विशेष सीबीआई जज विशाल गोगने ने सुनाया। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि तत्कालीन रेल मंत्री के तौर पर लालू यादव ने टेंडर प्रक्रिया में दखल दिया और उसमें बदलाव भी कराए। अदालत ने माना कि यह सब कुछ लालू यादव की जानकारी में हुआ और यह एक साजिश थी, जिसके तहत जमीन का मालिकाना हक राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को दिया जाना था। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि लालू यादव ने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किया।
सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव व्हीलचेयर पर अदालत पहुंचे। उनके साथ राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। जब विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने लालू यादव से पूछा कि क्या वे अपने ऊपर लगे आरोपों को सही मानते हैं, तो उन्होंने साफ कहा, “मैं दोषी नहीं हूं।” इसके बाद यही सवाल राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से भी पूछा गया और दोनों ने भी खुद को निर्दोष बताते हुए मुकदमे का सामना करने की बात कही। अदालत ने लालू-तेजस्वी समेत अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए हैं।
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यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बिहार में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ RJD की बातचीत चल रही है। लालू और तेजस्वी की दिल्ली में मौजूदगी के बीच आए इस फैसले ने बिहार की सियासी तपिश को और बढ़ा दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस कानूनी कार्रवाई का RJD के चुनावी अभियान और महागठबंधन की रणनीति पर क्या असर पड़ता है। फिलहाल, RJD के शीर्ष नेतृत्व के लिए यह कानूनी और राजनीतिक, दोनों मोर्चों पर एक बड़ी चुनौती है।