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कोलकाता: आज यानी शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से खुद मिलने पहुंचीं हैं। ये सभी डॉक्टर्स बीते 10 सितंबर से यहां प्रदर्शन पर बैठे हैं। यहां पहुंचकर CM ममता ने कहा कि मेरा पद नहीं, लोगों का पद बड़ा है। मैं मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि आपकी दीदी बनकर आज आपसे मिलने आई हूं।
जानकारी दें कि मुख्यमंत्री ममता अब तक तीन बार डॉक्टर्स से बातचीत की पहल कर चुकी हैं। हालांकि, डॉक्टरों ने उनके तीनों बार ही प्रस्तावों को खारिज कर दिया। उनकी 5 बड़ी मांगें हैं। उन्होंने इस पर बातचीत के लिए 4 शर्तें रखी हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टर्स बीते 36 दिनों से हड़ताल पर हैं।
#WATCH | RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case: West Bengal CM Mamata Banerjee reaches Swasthya Bhawan in Kolkata to meet the protesting doctors. pic.twitter.com/AbtdOAisKh
— ANI (@ANI) September 14, 2024
स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों से CM ममता ने कहा, “आप सभी बारिश में प्रदर्शन कर रहे हैं, मैं सो भी नहीं पा रही। आप काम पर वापस लौटिए, मैं मांगों पर विचार करूंगी। CBI से कहूंगी कि दोषियों को फांसी दी जाए। मेरा पद नहीं, लोगों का पद बड़ा है। लोगों के प्रदर्शन को सलाम करती हूं। आपके साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दूंगी।”
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जानकारी दें कि कोलकाता के साल्ट लेक में राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के बाहर जूनियर डॉक्टर्स का धरना प्रदर्शन मूसलाधार बारिश के बावजूद आज शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी जारी है। अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं।
चिकित्सकों ने इससे पहले कहा कि वे गतिरोध को हल करने के लिए सक्षम प्राधिकारियों के साथ बातचीत करने के इच्छुक हैं। जूनियर डॉक्टरों ने बीते नौ अगस्त की शाम से काम बंद कर रखा है और वे कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को आरजी कर घटना के संदर्भ में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में ‘‘विफल” रहने के लिए निलंबित किए जाने की मांग कर रहे हैं। वे राज्य में सभी महिला स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाने की भी मांग कर रहे हैं।
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इतना ही नही उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री मोदी के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा को भी पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप कर जांच में तेजी लाने की मांग की है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)