एम. करुणानिधि के सबसे बड़े बेटे एम.के. मुथु का शनिवार सुबह निधन (फोटो- सोशल मीडिया)
MK Stalin Brother MK Muthu death: तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके के दिग्गज नेता एम. करुणानिधि के सबसे बड़े बेटे एम.के. मुथु का 77 वर्ष की उम्र में शनिवार सुबह निधन हो गया। चेन्नई स्थित उनके आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। लंबे समय से बीमार चल रहे मुथु के निधन से डीएमके परिवार में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भावुक शब्दों में उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि मुथु ने उन्हें माता-पिता जैसा प्रेम दिया था। 77 वर्षीय मुथु लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। उन्होंने चेन्नई में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। सीएम स्टालिन ने बड़े भाई की मौत पर शोक जताते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्हें गहरा सदमा पहुंचा है।
डीएमके ने मुथु के निधन के बाद पार्टी के सभी आधिकारिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। उनका पार्थिव शरीर चेन्नई के गोपालपुरम स्थित करुणानिधि के पुराने आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। मुथु, करुणानिधि और उनकी पहली पत्नी पद्मावती के बेटे थे। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे जिन्होंने न सिर्फ तमिल सिनेमा बल्कि संगीत और राजनीति में भी अपनी छाप छोड़ी। उनके निधन पर भाजपा विधायक नैनार नागेंथिरन समेत कई अन्य नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया।
முத்தமிழறிஞர் கலைஞர் குடும்பத்தின் மூத்த பிள்ளை, என்னுயிர் அண்ணன் மு.க.முத்து அவர்கள் மறைவுற்றார் என்ற செய்தி இன்று காலையில் என்னை இடியெனத் தாக்கியது. தாய் – தந்தையர்க்கு இணையாக என் மீது பாசம் காட்டிய அன்பு அண்ணனை இழந்து விட்டேன் என்ற துயரம் என்னை வதைக்கிறது.
தந்தை முத்துவேலர்… pic.twitter.com/4pXuTAKjf1
— M.K.Stalin (@mkstalin) July 19, 2025
फिल्मों से राजनीति तक का सफर
एम.के. मुथु ने 1972 में फिल्म पिल्लायो पिल्लाय से अभिनय की शुरुआत की थी, जिसमें उन्होंने दोहरी भूमिका निभाई थी। इसके बाद वे पुक्कारी, अनाया विलक्कु और एल्लम अवले जैसी फिल्मों में नजर आए। उनकी स्क्रीन उपस्थिति और एम.जी. रामचंद्रन से मिलती-जुलती छवि के कारण वे दर्शकों के बीच लोकप्रिय हो गए थे। अभिनय के साथ-साथ वे प्लेबैक सिंगर भी थे। फिल्म अनाया विलक्कु का गाना उयारंधा इदाथिला पिरंधवन नान आज भी तमिल संगीत प्रेमियों को याद है।
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राजनीति में मिली विरासत लेकिन सफर रहा सीमित
मुथु का द्रविड़ आंदोलन से गहरा जुड़ाव था। करुणानिधि की छत्रछाया में पले-बढ़े मुथु ने राजनीति में कदम जरूर रखा, लेकिन सक्रिय राजनीति में उनका सफर सीमित ही रहा। बावजूद इसके वे जीवनभर द्रविड़ विचारधारा से जुड़े रहे और तमिल संस्कृति व समाज के लिए कार्य करते रहे। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उनके योगदान को याद करते हुए लिखा कि मुथु एक सच्चे परिवार पुरुष थे, जो संघर्ष और सेवा की भावना से प्रेरित थे।