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अलर्ट हो जाइए! जुलाई में जुल्म ढाएगी बारिश, लेकिन अन्नदाताओं के लिए खुशख़बरी

IMD के मुताबिक इस साल जुलाई में भारत में बारिश सामान्य से अधिक हो सकती है। वहीं, जुलाई में तापमान भी औसत से कम रहने का अनुमान है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने एक चेतावनी भी दी है।

  • By अभिषेक सिंह
Updated On: Jul 01, 2025 | 09:07 AM

जुलाई में होगी जोरदार बारिश (कॉन्सेप्ट फोटो)

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नई दिल्ली: मौसम विभाग का ताजा पूर्वानुमान देश के किसानों के चेहरों पर मुस्कान लाने वाला है। IMD के मुताबिक इस साल जुलाई में भारत में बारिश सामान्य से अधिक हो सकती है। वहीं, जुलाई में तापमान भी औसत से कम रहने का अनुमान है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने एक चेतावनी भी दी है, जिसमें भारत के कुछ हिस्सों में बाढ़ आने की आशंका है।

गौरतलब है कि जुलाई में किसान धान की रोपाई आदि करते हैं, इसलिए उन्हें खेतों में पानी की अधिक जरूरत होती है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि आंकड़ों में इसके औसतन 106 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। इससे पहले जून में सामान्य से 8.9 फीसदी अधिक बारिश हुई थी।

इसमें उत्तर-पश्चिम भारत में 42.2 फीसदी और मध्य भारत में 24.8 फीसदी अधिक बारिश हुई है। वहीं, दक्षिण प्रायद्वीप में 2.7 फीसदी और पूर्व व उत्तर-पूर्व भारत में 16.9 फीसदी की कमी दर्ज की गई। 1971 से 2020 तक के आंकड़ों के आधार पर, जुलाई में देश की औसत लंबी वर्षा लगभग 280.4 मिमी है।

किसानों के लिए खुशखबरी

गौरतलब है कि जुलाई मुख्य मानसून महीना है। इस मौसम में जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर के चार मानसून महीनों में कुल औसत वर्षा 87 सेमी में से 28 सेमी दर्ज की जाती है। यह कृषि के लिए भी एक महत्वपूर्ण महीना है क्योंकि जुलाई के दौरान धान और अन्य खरीफ यानी मानसूनी सीजन की फसलों की बुवाई की जाती है।

भारत की अर्थव्यवस्था के लिए मानसून महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत का 51 प्रतिशत कृषि क्षेत्र बारिश पर निर्भर है, जो उत्पादन का 40 प्रतिशत हिस्सा है। आईएमडी के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। जो कि किसानों के लिए खुशख़बरी से कम नहीं है।

पूर्वोत्तर में कहर ढाएगा बारिश

इसके साथ ही पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों, पूर्वी भारत के कई हिस्सों, दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के चरम हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। लेकिन, मौसम विभाग ने उत्तराखंड, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पूर्वी मध्य भारत के कुछ हिस्सों जैसे ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, विदर्भ और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी दी है।

पहाड़ी राज्यों को ख़तरा

आईएमडी के महानिदेशक एम मोहपात्रा ने बताया कि दीर्घकालिक पूर्वानुमान दर्शाता है कि हिमाचल-उत्तराखंड, हरियाणा-चंडीगढ़-हरियाणा क्षेत्र और मध्य तथा पूर्वी मध्य भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होगी। हमें सतर्क रहना चाहिए और निरंतर निगरानी रखनी चाहिए। इन क्षेत्रों में कई नदी बेसिन हैं, यहां नदियां भी बह रही हैं। इसलिए बांधों आदि की निरंतर निगरानी जरूरी है।

आईएमडी निदेशक ने आगे कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि उत्तराखंड में दक्षिण की ओर बहने वाली कई नदियां हैं। इन नदियों के किनारे कई महत्वपूर्ण कस्बे और शहर हैं। हमें इनसे सतर्क रहना चाहिए। गौरतलब है कि गंगा और यमुना भी उत्तराखंड से निकलती हैं। गौरतलब है कि जून में देश में करीब 9 फीसदी अधिक बारिश हुई। करीब 70 जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश (20 सेमी से अधिक) दर्ज की गई। वहीं, 432 स्थानों पर बहुत भारी बारिश (15 से 20 सेमी) दर्ज की गई।

जुलाई में कैसा रहेगा तापमान?

आईएमडी ने जुलाई में दिन और रात के तापमान को लेकर भी भविष्यवाणी की है। इसके अनुसार, जुलाई में कई इलाकों में दिन और रात का तापमान सामान्य से कम रह सकता है। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत और उत्तर-पश्चिम, पूर्व और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ इलाकों में यह सामान्य से अधिक रह सकता है।

1 जुलाई से 4 दिनों तक 29 जिलों में बारिश, 10 ऑरेंज और 19 जिलों में येलो अलर्ट

गौरतलब है कि इस साल जून का महीना अपेक्षाकृत ठंडा रहा। जून में औसत अधिकतम तापमान (34.11 डिग्री सेल्सियस) 1901 के बाद से 36वां सबसे कम और औसत न्यूनतम तापमान (24.88 डिग्री सेल्सियस) 86वां सबसे कम रहा। देश का औसत तापमान भी 57वां सबसे कम रहा।

July weather warning imd alert heavy rain benefit for indian farmers

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Published On: Jul 01, 2025 | 09:07 AM

Topics:  

  • IMD
  • India Weather Forecast
  • Weather Update

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