जेपी नड्डा
नई दिल्ली: बीजेपी के 14 प्रदेश अध्यक्ष चुने जा चुके हैं, जबकि 12 प्रदेश अध्यक्षों के लिए चुनाव प्रक्रिया जारी है. हाल ही में महाराष्ट्र में रवींद्र चह्वाण, मध्य प्रदेश में हेमंत खंडेलवाल, तेलंगाना में एन रामचंद्र राव, हिमाचल प्रदेश में राजीव बिंदल, उत्तराखंड में महेश भट्ट को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं अब सवाल उठता है कि बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? इसके साथ चर्चा में यह सवाल भी है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी का अध्यक्ष का दायित्व किसे सौंपा जाएगा।
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए जिन नामों की चर्चा हो रही है, उनमें मनोहरलाल खट्टर, शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान, और भूपेंद्र यादव शामिल हैं. अब प्रश्न है कि इनमें से किसी के सिर पर ताज सजेगा या कोई अनजाना दावेदार सामने आएगा। खबरों के अनुसार, यह स्पष्ट है कि नए अध्यक्ष के चयन में आरएसएस की पसंद की भूमिका होगी। वैसे व्यक्ति को कमान सौंपी जाएगी, जिसमें संगठन और सरकार में समन्वय स्थापित करने की क्षमता हो. उसकी प्राथमिकता संगठन को मजबूत करना हो और एक नजर 2029 के लोकसभा चुनाव पर हो।
बता दें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के आधार पर बीजेपी के पास कुल 37 प्रदेश अध्यक्ष होते हैं। जिनमें से 19 के प्रदेश अध्यक्ष चुने हुए हों तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव संभव है। अब तक लगभग 26 राज्यों में अध्यक्ष चुन लिए गए हैं या एक-दो दिन में चुन लिए जाएंगे। लेकिन असली चुनौती उत्तर प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में है।
यूपी BJP को क्यों नहीं मिल रहा नया अध्यक्ष? मिल गया देरी का सबसे बड़ा कारण!
दरअसल, समाजवादी पार्टी की ओर से लगातार पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक का नारा दोहराया जा रहा है। ऐसे में भाजपा नहीं चाहती कि सामाजिक समीकरण साधने में कोई कसर रह जाए। क्योंकि जो भी नया अध्यक्ष बनेगा उसी के नेतृत्व में 2027 का चुनाव लड़ा जाएगा।