नई दिल्ली: झारखंड (Jharkhand) के रांची (Ranchi) में चारी गांव की बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली अनीता कुमारी (Anita Kumari) ने आगामी फीफा अंडर-17 विश्व कप टीम के लिए जमशेदपुर में राष्ट्रीय कोचिंग शिविर (National Coaching Camp at Jamshedpur) के लिए 33 की सूची में जगह बनाई है। लेकिन यह तक पहुँचाना अनीता कुमारी के लिए बिलकुल ही आसान नहीं था। फुटबॉल अपना करियर बनाने वाली अनिता कुमारी को इस खेल के लिए ताने मारे जाते थे। यहां तक की ट्रेनिंग सेशन के दौरान कांच के टुकड़े भी फेंके जाते थे। लेकिन तब भी अनीता ने हार नहीं मानी और वो ट्रेनिंग में डटी रही।
अनीता कुमारी की बहन विनीता ने कहा कि, “मुझे गर्व है। उसने कई कठिनाइयों का सामना किया। हमारे पास खाने के लिए सिर्फ ‘माड भात’ था ।
Jharkhand | Anita Kumari, from Chari village in Ranchi dist, makes it to list of 33 for national coaching camp at Jamshedpur for upcoming FIFA U-17 World Cup team. Visuals from her residence Her sister, Vinita says, "I'm proud. She faced many hardships. We had just 'maand bhaat' pic.twitter.com/leTXvPB5WR — ANI (@ANI) May 4, 2022
वहीं, अनीता के माता-पिता आशा देवी और पूरन महतो कहते हैं, “हम किसी तरह दोनों सिरों को पूरा करने का प्रबंधन करते हैं। यह बहुत अच्छा लगता है कि उसे चुना गया है। एक गरीब बेटी प्रगति कर रही है। मुझे यह भी नहीं पता था कि लड़कियां फुटबॉल खेलती हैं, मैंने सोचा केवल लड़कों ने ऐसा किया। यह सब भगवान के आशीर्वाद से है।”
अनीता के चयन के बाद उसके कोच आनंद गोप ने कहा कि, “मैंने कई लड़कियों को प्रशिक्षित किया लेकिन अनीता में एक अलग उत्साह था। वह बहुत केंद्रित थी। मुझे बहुत गर्व महसूस होता है। अनीता जैसी कई और गरीब लड़कियां हैं। अगर झारखंड सरकार और खेल मंत्रालय का समर्थन है, तो भारत को गौरवान्वित करने के लिए कई और अनीता तैयार हो जाएंगी।”