नसरल्ला के मारे जाने के विरोध में बडगाम में प्रदर्शन
श्रीनगर: लेबनान में हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्ला के मारे जाने की घटना के विरोध में आज जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में प्रदर्शन हुए। नसरल्ला के मारे जाने की घटना के चौथे दिन मध्य कश्मीर जिले के मागम बाजार क्षेत्र और बडगाम शहर में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। वहीं विरोध प्रदर्शनों के बाद कुछ बाजार बंद भी रहे हैं। लेबनान में बीते 10 दिन में इजराइली हमलों में हिजबुल्ला के शीर्ष सदस्य हसन नसरल्ला और छह शीर्ष कमांडर मारे गए हैं।
वहीं नसरल्ला बीते शनिवार को मारा गया और एक दिन बाद उसे सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि पुरुष, महिलाएं और बच्चे समेत लोग मुख्य सड़कों पर काले झंडे लेकर एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया। यह भी बताया गया कि प्रदर्शनकारी इजराइल विरोधी और अमेरिका विरोधी नारे लगा रहे थे और शनिवार को इजराइली हवाई हमलों में नसरल्ला के मारे जाने की घटना की निंदा कर रहे थे।
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वहीं पुलिस ने बताया कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, हालांकि पुलिस कर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी ने यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी रखी कि प्रदर्शन हिंसक न हो पाए। इस बीच, अधिकारियों ने यह भी बताया कि मागम बाजार और बडगाम शहर की दुकानें बंद रहीं और स्थिति शांतिपूर्ण है।
हालांकि सवाल है कि लेबनान में हिजुबल्ला का चीफ मर गया तो आखीर कश्मीर क्यों उबल रहा है? हालांकि हसन नसरल्ला, इस्माइल हानिया और कासिम सुलेमानी ये सभी आतंकी थे। हिजबुल्ला के नसरल्ला का शियाओं से गहरा ताल्लुक है। वहीं कश्मीर के जिन इलाकों में प्रदर्शन हुए हैं, वो शिया बाहुल्य क्षेत्र है।
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देखा जाए तो कश्मीर में शिया मुस्लिम 14 % है। कश्मीर की 47 में से 15 सीटों पर शिया वोटर का ही असर है। जम्मु-कश्मीर तीसरे फेज के चुनाव में शिया बाहुल्य सीटों रहीं हैं। शायद इसिलिए कश्मीर की कुछ स्यानीय पार्टियां नसरल्ला की मौत पर शिया वोट के जुगाड़ में ही मातम मनाती दिखीं हैं। खैर इन सबसे जम्मू-कश्मीर का चुनावों पर कितना असर पड़ा है, वह वक्त आने पर ही पता चलेगा।