केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग ने उल्लू ऐप को असभ्य और अश्लील सामग्री को दिखाने के लिए समन किया है। ऐप के सीईओ विभु अग्रवाल और संचालक एजाज खान को राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने 9 मई को पेश होने के लिए कहा है। इधर केंद्र सरकार जल्द ही सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए सख्त कानून लाने की तैयारी कर रही है। उल्लू जैसे ओटीटी ऐप्स पर बढ़ती अश्लीलता मुद्दे को लेकर IT मंत्रालय ने बुधवार 11 बजे बैठक बुलाई है। इस बैठक में बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं।
ठाणे के शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने अश्लील और हिंसक सामग्री प्रसारित करने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के संबंध में नियम 377 के तहत संसद में आवाज उठाई थी; साथ ही उन्होंने सूचना एवं प्रसारण व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को इस संबंध में ज्ञापन भी दिया था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सांसद म्हस्के को पत्र लिखकर कानून बनाने की तैयारी के बारे में जानकारी दी है।
सांसद नरेश म्हस्के ने पत्र में लिखा था कि वर्तमान डिजिटल युग में सोशल मीडिया का महत्व निश्चित रूप से बहुत बड़ा है। सूचना साझा करने से लेकर लोगों के बीच संचार बढ़ाने तक इन प्लेटफॉर्मों ने स्वयं एक क्रांति ला दी है लेकिन कुछ लोग इस स्वतंत्रता और अवसर का दुरुपयोग कर रहे हैं।
सांसद म्हस्के ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंधक उपाययोजना की मांग करते हुए कहा था कि एजाज खान जैसे कई कंटेंट क्रिएटर ‘कंटेंट’ के नाम पर सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैला रहे हैं। भाषा का हास, शारीरिक हाव-भाव, सामाजिक रूप से विघटनकारी संचार और हिंसक व्यवहार, ये सभी दिन-प्रतिदिन आम होते जा रहे हैं।
सांसद म्हस्के ने कहा था कि कि युवाओं को आकर्षित करने के नाम पर अश्लीलता की पराकाष्ठा तक पहुंचने वाले ये वीडियो और पोस्ट भारतीय संस्कृति को शर्मसार करने वाली स्थिति पैदा कर रहे हैं। उन्होंने मांग की थी कि ऐसे सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म को नियंत्रित किया जाना चाहिए, एक सेंसरशिप प्रणाली लागू की जानी चाहिए और इस नियम के तहत अश्लीलता फैलाने वाली सामग्री पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। केंद्रीय, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सांसद म्हस्के की मांग को गंभीरता से लिया है।
महिला आयोग ने कहा, ‘इस तरह के असभ्य और गलत सामग्री महिलाओं के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाती है और उनके उत्पीड़न को बढ़ावा देती है। अगर ऐसी सामग्री को अश्लील पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई होगी। ओटीटी प्लेटफार्म पर आने वाले रियलिटी शो हाउस अरेस्ट विवादों के घेरे में है। शो पर अश्लीलता परोसने का आरोप है। एक तरफ जहां इंडिया गॉट लेटेंट शो में रणवीर अलाहाबादिया की तरफ से कहे गए आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर विवाद हुआ तो अब हाउस अरेस्ट के एपिसोड वायरल होने के बाद शो पर बैन लगाने और कार्यवाही की मांग उठ रही है।
ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आने वाले शो में एजाज खान और कई मॉडल एक्टर अश्लील कंटेंट पर चर्चा और एक्शन करते नजर आती है। इस शो के हिस्से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और शो पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठ रही है। शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मुद्दे को उठाया और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की।
शिवसेना यूबीटी के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि अगर अश्लीलता फैलायी जा रही है तो एफआईआर होनी ही चाहिए। बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस पर संज्ञान लिया और कहा कि इस तरह की सामग्री को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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बीजेपी की विधायक चित्रा वाघ ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर अश्लीलता को खुली छूट देना बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों के मोबाइल तक यह कंटेंट आसानी से पहुंच रहा है, ऐसे शो न केवल हमारी संस्कृति का अपमान करते हैं, बल्कि समाज के मानसिक स्वास्थ्य को भी चोट पहुंचाते हैं। यह हमारे भविष्य की पीढ़ी की सोच को विकृत कर सकते हैं।