लड़ाकू विमान जगुआर (फोटो-सोशल मीडिया)
Fighter jets crash भारतीय वायुसेना के लिय साल 2025 कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जनवरी से लेकर जुलाई तक 5 फाइटर जेट्स क्रैश हो चुके हैं। अभी साल बीतने में करीब 5 महीने बाकी है। क्रैश होने वाले फाइटर जेट्स में 3 जागुआर, एक मिराज 2000 और एएन-32 शामिल है।
9 जुलाई दिन बुधवार यानी आज भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट्स क्रैश हो गया। यह हादसा राजस्थान के चुरु जिले में हुआ। हादसे की तस्वीरे और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। घटना काफी भायवह है। इस हादसे में पायलट और को-पायलट शहीद हो गए हैं।
1 जनवरी 2025 से 8 जुलाई तक 4 फाइटर जेट क्रैश
1-6 फरवरी को एमिट्री डसॉल्ट Mirage 2000 ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरा था। यह उड़ान प्रशिक्षण के लिए थी, लेकिन जेट मध्य प्रदेश के शिवपुरी क्रैश हो गया। हालांकि इस हादसे में दोनों पायलट सुरक्षित इजेक्ट हो गए थे।
2- 7 मार्च को अंबाला ऐयरबेस से जगुआर फाइटर जेट ने उड़ान भरा था, लेकिन कुछ देर पर बाद जेट अनियंत्रित होकर पंचकूला में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस जेट के क्रैश होने कारण तकनीकी खराबी बतायी गई। हालांकि इस हादसे में पायलट सुरक्षित इजेक्ट हो गया।
3- 7 मार्च को एएन-32 ट्रांसपोर्ट विमान पश्चिम बंगाल के बागडोगरा बेस पर क्रैश लैंडिंग का शिकार हुआ था। हालांकि इस हादसे में चालक दल सुरक्षित बच गया था। दुर्घटना कारण स्पष्ट नहीं हो पाया।
4- 2 अप्रैल को जगुआर फाइटर जेट रात के प्रशिक्षण के दौरान गुजरात के जामनगर में क्रैश हो गया था। यह ट्विन सीटर जेट के क्रैश का कारण तकनीकी खराबी बताया गया। इस हादसे में भी दोनों पायलट ने इजेक्ट किया था, लेकिन लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव की मौत हो गई थी।
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भारत के पास 7 प्रकार के 513 फाइटर जेट्स
भारत के पास कुल 513 फाइटर जेट्स हैं। भारतीय वायुसेना विश्व की चौथी तकवर सेना है। भारतीय वायु सेना के पास अलग-अलग फाइटर जेट्स को मिलाकर कुल 31 स्क्वॉड्रन हैं। एक स्क्वॉड्रन में 12 से 24 फाइटर जेट्स होते हैं।
भारत के पास निम्न प्रकार के फाइटर जेट्स हैं
1. (जगुआर) भारतीय वायुसेना के पास जगुआर के 4 स्क्वॉड्रन हैं। यह विमान हाई विंग लोडिंग डिजाइन के कारण कम ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। यह 1700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। जगुआर एक ब्रिटिश-फ़्रेंच सुपरसोनिक जेट अटैक एयरक्राफ्ट है, जिसका इस्तेमाल मूल रूप से ब्रिटिश रॉयल एयर फ़ोर्स और फ़्रेंच एयर फ़ोर्स द्वारा नज़दीकी हवाई सहायता और परमाणु हमले की भूमिका में किया जाता है। जगुआर को भारतीय वायुसेना रिटायर होने वाला है। यह 2025 तक सेवा में रहेगा।
2. (मिराज) भारतीय वायुसेना के पास मिराज 2000 के तीन स्क्वॉड्रन हैं। एक फ्रांसीसी विमान है, इसे फ्रांस की दसो एविएशन कंपनी ने बनाया है। इसी कंपनी ने राफेल भी बनाया है, जो भारत का सबसे उन्नत किस्म का विमान है। मिराज की अधिकतम स्पीड 2000 किलोमीटर प्रति घंटे तक है। यह डबल इंजन वाला फाइटर जेट है।
3-(मिग-29) भारतीय वायु सेना के पास मिग-29 के भी 3 स्क्वॉड्रन हैं। ये 2400 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। कारगिल युद्ध में इन विमानों ने भी पाकिस्तान को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था। मिग-29 एक सोवियत/रूसी जेट लड़ाकू विमान है, जिसे चौथी पीढ़ी का माना जाता है। यह हवा से हवा में मार करने वाली क्षमताओं से लैस है। साथ ही जमीनी हमलों में भी कारगर है।
4-(सुखोई-30) सुखोई एक घातक किस्म का फाइटर जेट है। भारत के पास इसके 13 स्क्वाड्रन मौजूद हैं। एक यह मल्टीरोल फाइटर जेट है। इससे सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को भी लॉन्च किया जा सकता है। यह 57 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। सुखोई 30 एक रूसी विमान है। यह हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम है।
5-(मिग-21 बाइसन) भारतीय सेना के पास मिग-21 बाइसन की फिलहाल दो स्क्वॉड्रन हैं। इन फाइटर जेट्स को इस साल के अंत तक सेवा से बाहर होना है। ये रूसी जेट हैं, जिनका इस्तेमाल इंटरसेप्टर के तौर पर किया जाता है।
6-(तेजस) तेजस मेड इंडिया लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हैं। इस पूरी तरह से भारत में बनाया गया है। भारतीय सेना के पास इनकी दो स्क्वॉड्रन हैं। इससे ब्रह्मोस मिसाइल भी लॉन्च की सकती है। यह सिंगल इंजन वाला फाइटर जेट है।
7-(राफेल) राफेल एक फ्रांसीसी विमान है, यह दुनिया के सबसे उन्नत और घातक फाइटर जेट्स की श्रेणी में आता है। राफेल की भारतीय वायु सेना के पास दो स्क्वॉड्रन हैं। यह ट्विन इंजन वाला मल्टीरोल फाइटर जेट है। इसे भी फ्रांस की दसो एविएशन कंपनी ने बनाया है।
संसद में पेश हुई रिपोर्ट में सामने आया ये आंकड़ा
पिछले साल दिसंबर में संसद में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि 2017 से लेकर 2022 के बीच कुल 20 फाइटर, 7 हेलिकॉप्टर, 6 ट्रेनर एयरक्राफ्ट और 1 ट्रांसपोर्टर विमान हादसे का शिकार हुआ।