भारत-नेपाल दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर बातचीत हुई (फोटो- सोशल मीडिया)
पुणे: भारत और नेपाल के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए पुणे में दो दिवसीय उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। 23 और 24 जून को हुई इस 16वीं भारत-नेपाल द्विपक्षीय सुरक्षा विषयक परामर्श समूह (INBCGSI) की बैठक में दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर ‘सार्थक बातचीत’ की। इसमें सैन्य प्रशिक्षण, आपदा प्रबंधन, संयुक्त अभ्यास और रक्षा उपकरणों की आपूर्ति जैसे अहम मुद्दे शामिल रहे।
इस वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में अपर सचिव (उत्तर) मुनु माहावर ने किया, जबकि नेपाल की ओर से विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (दक्षिण एशिया) गहेन्द्र राजभंडारी ने प्रतिनिधित्व किया। दोनों प्रतिनिधिमंडलों में भारत और नेपाल के विदेश, रक्षा मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, सेना प्रमुखालयों के प्रतिनिधि और रणनीतिक सलाहकार भी शामिल थे।
सैन्य सहयोग से लेकर प्रशिक्षण तक गहराया संवाद
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने भारत-नेपाल सैन्य संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की प्रतिबद्धता जताई। इसमें रक्षा उपकरणों की आपूर्ति, सैन्य प्रशिक्षण, वार्षिक संयुक्त अभ्यास और आपसी सैन्य संवाद को विस्तार देने पर सहमति बनी। इसके अतिरिक्त, आपदा राहत अभियानों में सहयोग को भी सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई ताकि आपदा के समय दोनों सेनाएं बेहतर समन्वय के साथ कार्य कर सकें। प्रतिनिधिमंडलों ने पुणे स्थित सार्वजनिक और निजी रक्षा निर्माण इकाइयों का भी दौरा किया, जिससे नेपाल को भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं की जानकारी मिली और भविष्य में संभावित सहयोग की जमीन तैयार हुई।
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2003 से जारी है यह रणनीतिक मंच
भारत-नेपाल द्विपक्षीय सुरक्षा विषयक परामर्श समूह (INBCGSI) की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी। यह मंच दोनों देशों के बीच सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में संवाद व सहयोग का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक, धार्मिक और सैन्य संबंधों को ध्यान में रखते हुए यह वार्ता रक्षा सहयोग को नई दिशा देने का कार्य कर रही है। भारत और नेपाल की यह बैठक न सिर्फ दोनों देशों के रक्षा संबंधों को मजबूत बनाएगी, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और आपसी विश्वास को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।