चरखी दादारी विमान हादसा (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मीडिया में पिछले कुछ सालों में हुए सभी भीषण विमान हादसों की चर्चा हो रही है। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला हादसा 1996 में हुआ था। जिसे भारत के इतिहास का सबसे बड़ा विमान हादसा करार दिया जाता है।
यह हादसा 12 नवंबर 1996 को शाम 6 बजकर 40 मिनट पर हरियाणा के चरखी दादरी में हुआ था। इसमें दो विमान हवा में एक दूसरे से टकरा गए थे। टक्कर के बाद विमानों में आग लग गई और वे चरखी दादरी के एक गांव के खेतों में गिर गए।
इस हादसे में दोनों विमानों में सवार सभी 349 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा इतना भीषण था कि विमान के टुकड़े कई किलोमीटर के दायरे में फैल गए थे। जो चरखी दादरी के खेतों में मिले थे।
12 नवंबर 1996 को दिल्ली से सऊदी अरब के धाहरन जा रहा सऊदी अरब एयरलाइंस का विमान 763 (बोइंग 747) और कजाकिस्तान से दिल्ली आ रहा कजाकिस्तान एयरलाइंस का विमान 1907 (इल्युशिन आईएल-76) चरखी दादरी के टिकान गांव के ऊपर टकरा गए थे। यह दुर्घटना दिल्ली से करीब 65 किलोमीटर दूर हुई।
इस दुर्घटना में कोई भी जीवित नहीं बचा, जो यह जानकारी दे सके कि यह दुर्घटना कैसे हुई और दोनों विमान आपस में कैसे टकराए। इस विमान दुर्घटना को भारत में सबसे बड़ी विमान दुर्घटना कहा जाता है। जिसमें 349 लोगों की मौत हुई थी।
सऊदी अरब एयरलाइंस की फ्लाइट 763 (बोइंग 747) में कुल 312 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे। विमान के कॉकपिट में 45 वर्षीय कैप्टन खालिद अल-शुबैली, फर्स्ट ऑफिसर नजीर खान और फ्लाइट इंजीनियर अहमद इदरीस सवार थे।
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वहीं, कजाकिस्तान के चिमकेंट से दिल्ली आने वाली कजाकिस्तान 1907 एक चार्टर्ड फ्लाइट थी। जिसमें 37 पर्यटक और चालक दल के सदस्य सवार थे। फ्लाइट के कॉकपिट में 44 वर्षीय कैप्टन अलेक्जेंडर चेरेपनोव, फर्स्ट ऑफिसर एर्मेक दज़ानबायेव, नेविगेटर झानबेक अरिपबायेव, फ्लाइट इंजीनियर अलेक्जेंडर चुप्रोव और रेडियो ऑपरेटर एगोर रेप सवार थे।