इमरान मसदू व अयोध्या राम मंदिर (कॉन्सेप्ट फोटो)
नई दिल्ली: सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद पिछले कुछ दिनों से अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने सहारनपुर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर मां शाकुंभरी देवी के नाम पर करने की मांग की थी। अब खुद को श्रीराम का वशंज बताते हुए बड़ी मांग कर दी है।
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस विधेयक के खिलाफ है। इस बीच पार्टी सांसद इमरान मसूद ने कहा कि मैं राम जी का वंशज हूं, मुझे अयोध्या राम मंदिर के में शामिल किया जाना चाहिए।
संसद परिसर में एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए मसूद ने कहा कि वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की क्या भूमिका है? उन्होंने कहा कि संपत्ति वक्फ इसलिए की जाती है ताकि उसकी कमाई अनाथों और गरीबों के काम आ सके। इससे बेसहारा लोगों को सहारा मिलता है।
मसूद ने कहा कि यूपी में आपने वक्फ की 78 फीसदी संपत्ति को विवादित घोषित कर दिया है। कल कोई भी आकर मालिकाना हक जता सकता है। मैं भी राम जी का वंशज हूं… गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति पर सांसद ने कहा कि वक्फ में 22 सदस्य होंगे। 12 से ज्यादा गैर-मुस्लिम होंगे। उन्हें क्या पता वक्फ क्या होता है। आप मुझे राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल करवा दीजिए। मैं भी राम जी का वंशज हूं। अगर नहीं हूं तो बताइए। मैं साबित कर दूंगा कि मैं राम जी का वंशज हूं।
एनडीए के सहयोगी दलों का जिक्र करते हुए इमरान मसूद ने कहा कि अगर आज टीडीपी, जेडीयू इस मुद्दे पर मुसलमानों का साथ नहीं देंगे तो मुसलमान उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। सहारनपुर से कांग्रेस सांसद और जेपीसी सदस्य इमरान मसूद ने कहा कि ‘हम चर्चा के लिए तैयार हैं। लेकिन मैं आपको सच बताना चाहता हूं।
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सहारनपुर सांसंद ने कहा कि सरकार बार-बार कह रही है कि मुसलमानों को कुछ नहीं होगा, लेकिन उन्होंने यह प्रावधान किया है कि कोई भी संपत्ति जो सरकारी संपत्ति है, जिसमें सरकार की हिस्सेदारी है, विवादित है, वह संपत्ति तब तक वक्फ नहीं मानी जाएगी जब तक कि उसकी जांच किसी नामित अधिकारी द्वारा नहीं की जाती है, विवादित संपत्ति वक्फ नहीं रहेगी।’