हिमाचल प्रदेश: श्रीखंड में बादल फटने से मची भयंकर तबाही, अब तक 13 लोगों की मौत, रेस्क्यू जारी
हिमाचल प्रदेश में श्रीखंड के पास समेज और बागी पुल के पास बीते बुधवार रात को एक भयावह बादल फटने से 45 लोग बह गए हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र में बचाव अभियान जारी है। समें अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड के पास बीते 7 जुलाई की रात समेज और बागी पुल के पास बादल फटने से जहां अब तक 45 लोग पानी में बह गए हैं। वहीं इसमें अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इस आपदा प्रभावित इलाके में बचाव अभियान जारी है। NDRF की 14वीं बटालियन के कमांडेंट बलजिंदर सिंह ने आज ANI से कहा कि रेस्क्यू अभियान में कोई देरी न हो, इसके लिए NDRF की टीमों को पहले ही हिमाचल प्रदेश में पूरी तरह से तैयार होकर भेजा गया था।
उन्होंने कहा, “हमने अब तक 13 शव बरामद कर लिए हैं। चार शव पहले बरामद हुए थे। दस और लोग लापता थे, और हमें अब तक नौ शव मिल चुके हैं। एक शख्स अभी भी नहीं मिला है। अब हम सुनिश्चित करेंगे कि बचाव अभियान ठीक से चलाया जाए।” इससे पहले, बीते 7 अगस्त को, IMD ने राज्य भर में भारी बारिश की खबर दी थी, जिसमें मंडी जिले के जोगिंदर नगर में 24 घंटों में सबसे ज्यादा 110 मिमी बारिश हुई थी।
समेज गांव में चल रहे अभियान के बारे में बीते बुधवार को NDRF के सहायक कमांडिंग अधिकारी करम सिंह ने कहा था कि , “बारिश हो रही है, लेकिन संयुक्त खोज और बचाव अभियान जारी है। सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ रहा है और कई स्थानों पर भूस्खलन भी हो रहा है। सड़कों को साफ करने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारे सैनिक कुशल हैं और रस्सियों के जरिए नदी पार कर उन जगहों पर तलाश कर रहे हैं जहां लापता लोगों के मिलने की संभावना है।”
जानकारी दें कि समेज शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में सरपारा पंचायत के अंतर्गत आता है और कुल्लू जिले की सीमा से लगा हुआ है। लापता लोगों के परिजन बीते सात दिनों से घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं। जैसे-जैसे दिन बीतता जा रहा है उनकी उम्मीद कम होती जा रही है। अब वे अंतिम संस्कार करने के लिए शवों की बरामदगी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
बता दें कि मौसम विभाग ने कहा कि अगले पांच से छह दिनों में मानसून की गतिविधियां और भी तेज होने की संभावना है और बड़े पैमाने पर बारिश हो सकती है।इसके साथ ही मौसम विभाग ने कुछ स्थानों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ की आशंका के बारे में भी चेतावनी दी है। विभाग ने निचले इलाकों में तेज हवाओं और जलभराव के कारण बागानों, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचने की भी आशंका जताई है।
जानकारी दें कि हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में 31 जुलाई की मध्यरात्रि को अचानक आई बाढ़ और बादल फटने से अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है तथा कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल में 35 से अधिक लोग अब भी लापता हैं।
Himachal pradesh cloudburst causes massive destruction in shrikhand 13 people dead so far