गोवा क्लब हादसे में कजाकिस्तान की डांसर ने सुनाई खौफनाक दास्तां (फोटो- सोशल मीडिया)
Goa Night Club Fire Kazakhstan Dancer Reveal Truth: गोवा के अरपोरा स्थित बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में शनिवार की रात जो हुआ, उसने पूरे देश को दहला दिया है। हंसी-खुशी और जश्न का माहौल पल भर में मातम में बदल गया और इस भीषण आग में 25 लोगों की जान चली गई। इस हादसे के वक्त स्टेज पर परफॉर्मेंस दे रही कजाकिस्तान की डांसर क्रिस्टीना ने मौत को बेहद करीब से देखा। उन्होंने उस खौफनाक मंजर की कहानी बयां की है, जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाएगी। क्रिस्टीना ने बताया कि कैसे एक सही फैसले ने उनकी जान बचा ली।
हादसे के वक्त क्लब में करीब 200 लोग मौजूद थे जो वीकेंड का लुत्फ उठा रहे थे। चश्मदीदों के मुताबिक, बेली डांस परफॉर्मेंस के दौरान मैनेजमेंट ने कुछ पटाखे जलाए थे। ये पटाखे सजावट के बांस और घास जैसे सूखे सामान के संपर्क में आ गए, जिससे पहले चिंगारी उठी और फिर देखते ही देखते पूरे क्लब में आग फैल गई। आग इतनी तेजी से फैली कि लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। धुएं के गुबार और अंधेरे के बीच वहां भगदड़ मच गई और चीख-पुकार शुरू हो गई।
गोवा क्लब हादसे में कजाकिस्तान की डांसर ने सुनाई खौफनाक दास्तां! गोवा अग्निकांड के चश्मदीदों के द्वारा बताई गई कहानी #GoaFireTragedy #GoaFire #goafireaccident pic.twitter.com/kRSmU2UEcD — Sourabh Sharma (@SourabhPaliya) December 7, 2025
एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए क्रिस्टीना ने बताया कि वह स्टेज पर अपनी दूसरी परफॉर्मेंस दे रही थीं, जब अचानक आग लगी और म्यूजिक बंद हो गया। वह बुरी तरह डर गई थीं और उनका शरीर कांप रहा था। वह समझ नहीं पा रही थीं कि क्या करें और बस रो रही थीं। क्रिस्टीना घबराहट में अपने ग्रीन रूम की तरफ भागने ही वाली थीं, तभी एक क्रू मेंबर ने उन्हें रोक लिया। यह वही पल था जिसने उनकी जान बचाई क्योंकि आग ग्रीन रूम तक पहुंच चुकी थी। अगर वह वहां जातीं, तो शायद जिंदा नहीं लौटतीं। घर जाकर जब उन्होंने अपनी बेटी को गले लगाया, तब उन्हें यकीन हुआ कि वे सुरक्षित हैं।
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इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रशासन की नींद खुली है। अरपोरा पंचायत ने क्लब को अवैध निर्माण के आरोप में नोटिस जारी किया है और गिराने का आदेश भी दे दिया है। कर्नाटक से आए चश्मदीदों ने बताया कि अंदर का मंजर बेहद डरावना था। लाइट जाते ही अंधेरा छा गया और लोग एक-दूसरे को धक्का देकर बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। कुछ धमाकों की आवाजें भी सुनी गईं। इस दौरान कई लोग झुलस गए और उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी, जिन्हें बाद में इलाज के लिए मापुसा और गोवा मेडिकल कॉलेज ले जाना पड़ा।