सोनम वांगचुक (सोर्स- सोशल मीडिया)
Ladakh Protest: लद्दाखी सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की है। वांगचुक ने शांति की अपील की और लोगों से हिंसा रोकने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे उनके मुख्य उद्देश्य को नुकसान पहुँचेगा। वांगचुक ने समर्थकों से कहा कि वह नहीं चाहते कि स्थिति और बिगड़े। इससे पहले, लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे।
सोनम वांगचुक ने कहा कि हमारे 15 दिनों के अनशन के बाद, मुझे यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि लेह शहर में बड़े पैमाने पर हिंसा और तोड़फोड़ हुई। कई कार्यालयों और पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई। कल, 35 दिनों से यहां अनशन कर रहे दो लोगों को बेहद गंभीर हालत में अस्पताल ले जाना पड़ा। इससे व्यापक आक्रोश फैल गया और आज पूरे लेह में बंद की घोषणा कर दी गई।
वांगचुक ने कहा कि हज़ारों युवा बाहर निकले। कुछ लोग सोचते हैं कि वे हमारे समर्थक थे। पूरा लेह और लद्दाख हमारा समर्थक है, लेकिन यह एक ‘जेन ज़ेड’ क्रांति थी। ये लोग पिछले पांच सालों से बेरोज़गार हैं। उन्हें नौकरियों से निकाला जा रहा है। मैंने हमेशा कहा है कि युवाओं को बेरोज़गार रखना और उनके लोकतांत्रिक अधिकार छीनना ही सामाजिक अशांति का कारण है।
वांगचुक ने आगे कहा, “आज यहां कोई लोकतांत्रिक मंच नहीं है। छठी अनुसूची, जिसकी घोषणा और वादा किया गया था, उसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। हालांकि, अभी मैं लद्दाख की युवा पीढ़ी से अपील करता हूं कि वे हिंसा का यह रास्ता न अपनाएं क्योंकि यह मेरे पांच साल के प्रयासों पर पानी फेर देता है।”
VERY SAD EVENTS IN LEH
My message of peaceful path failed today. I appeal to youth to please stop this nonsense. This only damages our cause.#LadakhAnshan pic.twitter.com/CzTNHoUkoC — Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) September 24, 2025
उन्होंने कहा कि मैं इतने सालों से शांतिपूर्वक अनशन और मार्च कर रहा हूं। हिंसा हमारा रास्ता नहीं है। मैं युवा पीढ़ी से आग्रह करता हूं कि वे शांतिपूर्ण रास्ते से सरकार तक पहुंचें। मैं चाहता हूं कि सरकार शांति का संदेश सुने। जब वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों और मार्चों की अनदेखी करते हैं, तो ऐसे हालात पैदा होते हैं।
प्रदर्शनों के हिंसक होने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। छठी अनुसूची के विस्तार और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार के साथ बातचीत जारी रखने की मांग को लेकर ये विरोध प्रदर्शन किए गए। केंद्र सरकार और लद्दाख के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत 6 अक्टूबर को फिर से शुरू होने वाली है।
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लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के सदस्य इसमें भाग ले रहे थे। 10 सितंबर से 35 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की हालत बिगड़ने के बाद मंगलवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद LAB की युवा शाखा ने विरोध और बंद का आह्वान किया है।
इसके बाद बुधवार को यहां चल रहा विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने लेह स्थित भाजपा कार्यालय पर पथराव किया और बाद में एक वाहन में आग लगा दी। व्यवस्था बहाल करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।