विदेश सचिव विक्रम मिसरी
नई दिल्ली : आज यानी रविवार 26 जनवरी को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी चीन के दौरे पर रवाना हो रहे हैं। भारतीय विदेश सचिव का यह चीन दौरा दो दिवसीय होगा, जिसके बारे में विदेश मंत्रालय की तरफ से भी जानकारी दी गई । देखा जाए तो यह डेढ़ महीने से भी कम समय में भारत से चीन की दूसरी उच्चस्तरीय यात्रा होगी। पिछले महीने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने बीजिंग की यात्रा की थी और सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के ढांचे के तहत चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बातचीत की थी।
इस बाबत विदेश मंत्रालय (MEA) ने बीते गुरुवार को कहा था कि, को कहा कि मिसरी विदेश सचिव-उपमंत्री तंत्र की एक बैठक के लिए चीन जा रहे हैं। इसमें कहा गया है कि इस द्विपक्षीय तंत्र की बहाली नेतृत्व स्तर पर हुए समझौते से हुई है, जिसमें भारत-चीन संबंधों के लिए अगले कदमों पर चर्चा की जाएगी। इसमें राजनीतिक, आर्थिक और लोगों के बीच आपसी संबंधों के क्षेत्र भी शामिल हैं।
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इधर चीन ने बीते शुक्रवार को विदेश सचिव विक्रम मिसरी की इस सप्ताहांत होने वाली यात्रा का स्वागत किया था और इसके संभावित परिणामों के बारे में सकारात्मक बात की। इस बाबत चीन ने कहा था कि यह घटनाक्रम लद्दाख में चार साल से अधिक समय तक सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के शीर्ष नेताओं और अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद सामने आया है।
वहीं विदेश सचिव विक्रम मिसरी की चीन यात्रा से पहले भारत ने बीते शुक्रवार को कहा थी कि उनकी यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय हित के सभी मुद्दों पर चर्चा होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में इस बाबत कहा था कि द्विपक्षीय हित के सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या वार्ता में कैलाश मानसरोवर यात्रा की प्रस्तावित बहाली पर चर्चा होगी, उन्होंने कहा कि यह बातचीत का हिस्सा हो सकता है।
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जानकारी दें कि, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर टकराव बिंदुओं से सैनिकों की वापसी के बाद द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के दोनों पक्षों के प्रयासों के तहत विदेश सचिव मिसरी अपने चीनी समकक्ष के साथ बातचीत करने के लिए आज यानी रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर बीजिंग जा रहे हैं।
गौरतलब है कि, पिछले महीने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बीजिंग का दौरा किया था और सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता ढांचे के तहत चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बातचीत की थी। वहीं डोभाल और वांग ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने, नदी डेटा साझा करने और सीमा व्यापार सहित सहयोग के लिए ‘‘सकारात्मक” दिशा पर भी ध्यान केंद्रित किया था।