जगनमोहन रेड्डी, (पूर्व सीएम, आंध्र प्रदेश)
अमरावती: वाईएसआरसीपी के शीर्ष नेता एवं आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने अडाणी रिश्वतखोरी मामले में बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान सौर ऊर्जा खरीद के लिए अदाणी समूह द्वारा राज्य के अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने के आरोपों उन्होंने खारिज कर दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस मामले में अमेरिकी अदालत के अभियोग में कहीं भी उनका नाम नहीं है। अदाणी रिश्वत विवाद शुरू होने के बाद पहली प्रतिक्रिया में जगन ने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बार गौतम अदाणी और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की जो असामान्य बात नहीं है।
पूर्व सीएम ने आगे कहा कि इसमें कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि मुझे रिश्वत की पेशकश की गई। उन्होंने आगे बताया कि सबसे पहली बात तो यह है कि कोई भी मुझे रिश्वत नहीं दे सकता और कारोबारियों का नेताओं से मिलना कोई असामान्य बात नहीं है, बल्कि यह एक सामान्य चलन है। जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि रिश्वत के आरोप अफवाह हैं और किसी ने भी यह नहीं कहा है कि जगन या किसी अन्य ने रिश्वत ली है। आंध्र प्रदेश में 2019 से 2024 के बीच मुख्यमंत्री रहे रेड्डी ने कहा कि मेरे नाम का कोई जिक्र नहीं था। उन लोगों (अमेरिका में) ने जो कुछ भी कहा है, कृपया उसे पढ़ें। कोई मूर्ख ही होगा जो मेरा या किसी और का नाम लेगा क्योंकि मैंने उनसे कभी कोई लेन-देन नहीं किया।
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अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी पर अमेरिकी न्याय विभाग ने अनुकूल सौर ऊर्जा अनुबंधों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने में उनकी भूमिका को लेकर आरोप लगाया है, हालांकि भारतीय समूह ने इस आरोप का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि यह समझौता आंध्र प्रदेश डिस्कॉम्स और एसईसीआई के बीच हुआ था और इसमें कोई तीसरा पक्ष नहीं था। उन्होंने कहा कि वहां कोई तीसरा पक्ष कहां है। यदि कोई इतना मूर्ख और बेवकूफ है और कोई सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास करके बकवास और मूर्खतापूर्ण बातें करता है, तो कोई कुछ नहीं कर सकता।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के साथ समझौते को ‘ऐतिहासिक’ बताया और कहा कि एसईसीआई के साथ 2.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली आपूर्ति समझौते से राज्य को 25 वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी। घटनाओं का कालानुक्रमिक विवरण देते हुए वाईएसआरसीपी प्रमुख ने कहा कि राज्य सरकार को 15 सितंबर 2021 को एसईसीआई से एक पत्र मिला, जिसमें अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) शुल्क माफ करते हुए 2.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से 7000 मेगावाट सौर ऊर्जा की पेशकश की गई और एक दिसंबर 2021 को समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।