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राजद्रोह कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पांच मई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

  • By सुभाष यादव
Updated On: Apr 27, 2022 | 03:35 PM

सुप्रीम कोर्ट (File Photo)

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने राजद्रोह कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सप्ताह के अंत तक केंद्र को अपना रुख स्पष्ट करने का बुधवार को निर्देश दिया। प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ ने कहा कि वह मामले पर अंतिम सुनवाई पांच मई से शुरू करेगी और अब सुनवाई स्थगित करने की किसी अपील पर गौर नहीं करेगी। 

पीठ ने कहा, ‘‘ हम केंद्र को इस सप्ताह के अंत तक अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश देते हैं। हलफनामे के जरिये मंगलवार तक जवाब दाखिल करें। पांच मई को, बिना किसी स्थगन के मामले को अंतिम सुनवाई के लिए, सूचीबद्ध किया जाए” शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल मामले में याचिकाकर्ता की ओर से दलीलें पेश करेंगे। 

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने कहा कि पीयूसीएल द्वारा दायर याचिका को सूचीबद्ध नहीं किया गया है। पीठ ने कहा, ‘‘ आप मामले का निपटारा चाहते हैं या सभी याचिकाओं को सूचीबद्ध कराना चाहते हैं? अगर आप विलंब कराना चाहते हैं तो यह आपकी मर्जी है।” औपनिवेशिक काल के राजद्रोह कानून के व्यापक दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए शीर्ष अदालत ने पिछले साल जुलाई में केंद्र सरकार से पूछा था कि वह उस प्रावधान को क्यों निरस्त नहीं कर रही है जिसका इस्तेमाल ब्रिटिश सरकार ने स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने के उद्देश्य से महात्मा गांधी जैसे लोगों की आवाज को दबाने के लिए किया था। 

उच्चतम न्यायालय एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया तथा एक पूर्व मेजर जनरल एस जी वोम्बातकेरे की याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया था, जिन्होंने कानून की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। न्यायालय ने कहा था कि उसकी मुख्य चिंता ‘‘कानून के दुरुपयोग” को लेकर है। (एजेंसी)

Final hearing on petitions challenging sedition law on may 5 says supreme court

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Published On: Apr 27, 2022 | 03:35 PM

Topics:  

  • Petitions
  • Supreme Court

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