भारत ने टेस्ट की Hypersonic मिसाइल (सोर्स- सोशल मीडिया)
DRDO Tested ET-LDHCM Missile: भारत ने अपने दुश्मनों का काल तैयार कर लिया है। DRDO यानी भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने एक ऐसी हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल टेस्ट किया है जो तकरीबन समूचे पाकिस्तान को अपनी जद में समेट सकती है। इतना ही नहीं यह मिसाइल ड्रैगन के रणनीतिक क्षेत्रों तक भी अपनी पहुंच रखेगी।
दरअसल, DRDO ने एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी-लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (ET-LDHCM) परीक्षण किया है, जो कि सफल रहा है। यह मिसाइल प्रोजेक्ट विष्णु के तहत विकसित की गई है। जो अपनी गति, रेंज और सटीकता के कारण भारत को एक नई रणनीतिक ताकत देगी। आइए इस मारक हथियार के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
ET-LDHCM एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे DRDO ने पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित किया है। इस मिसाइल को प्रोजेक्ट विष्णु के तहत विकसित किया गया है, जो भारत की सबसे उन्नत मिसाइल परियोजनाओं में से एक है। इसकी खासियत यह है कि यह मौजूदा सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस, जिसका इस्तेमाल हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था, से कहीं ज़्यादा घातक और तेज़ है। यह मिसाइल इज़राइल-ईरान संघर्ष और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव जैसे वैश्विक तनावों के समय भारत के रक्षा आधुनिकीकरण का हिस्सा है।
भारत की यह नई हाइपरसोनिक मिसाइल मैक 8 की रफ्तार से उड़ान भर सकती है। सरल शब्दों में कहें तो यह लगभग 11,000 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दुश्मन तक पहुंचेगी। ET-LDHCM की मारक क्षमता 1500 किमी है। जिसके चलते यह भारत दुश्मनों को गहराई तक चोट पहुंचाने में सक्षम होगी।
DRDO की नई हाइपरसोनिक मिसाइल (सोर्स- सोशल मीडिया)
ET-LDHCM मिसाइल में स्क्रैमजेट इंजन लगाया गया है जिसकी खासियत यह है कि यह वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन लेकर फ्यूल जलाता है। यह इंजन रोटरी कंप्रेसर को खत्म करता है जिससे मिसाइल की गति लंबे समय तक बरकरार रहती है। वहीं, यह मिसाइल 2000 किलोग्राम तक न्यूक्लियर वारहेड ले जाने में सक्षम है।
यह मिसाइल जमीन समुद्र और हवा तीनों जगह से लॉन्च की जा सकती है। यानी इसका उपयोगी भारत की तीनों सेनाएं आसानी से कर सकती हैं। इसके साथ ही यह मिसाइल कम ऊंचाई पर उड़ती है और मिड फ्लाइट में अपनी दिशा बदलने में भी सक्षम है। जिसका सीधा मतलब यह है कि यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को मात देने में माहिर है।
भारत के सबसे बड़े दुश्मन पाकिस्तान की उत्तर से दक्षिण यानी सबसे लंबी दूरी 1600 किलोमीटर है। जबकि, पूरब से पश्चिम में यह दूरी 650 से 700 किमी है। यानी यह मिसाइल लगभग समूचे पाकिस्तान को अपनी जद में ले सकती है। जिसमें इस्लामाबाद, लाहौर, कराची और रावलपिंडी जैसे प्रमुख सैन्य और नागरिक ठिकाने शामिल हैं।
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पाकिस्तान की तुलना में चीन काफी विशाल है। इसका क्षेत्र पूर्व से पश्चिम लगभग 5200 किमी और उत्तर से दक्षिण लगभग 5500 किमी है। इसके बावजूद यह मिसाइल लद्दाख या अरुणाचल से लॉन्च करने पर चीन के मध्य हिस्सों तक अपने टारगेट को नेस्तनाबूद कर सकती है। इसमें तिब्बत-शिंजियांग जैसे सैन्य ठिकाने शामिल हैं।