Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Ganesh Chaturthi |
  • Tariff War |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

वो कांग्रेसी जिसने मुख्यालय जाकर RSS को पढ़ाया राष्ट्रवाद का पाठ, 3 बार बनते-बनते रह गए प्रधानमंत्री

Pranab Mukherjee Story: 31 अगस्त को एक ऐसे दिग्गज कांग्रेसी की पुण्यतिथि है जिसने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय जाकर संघ को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ा दिया था। यही वह नेता है जो 3 बार पीएम बनते-बनते रह गया।

  • By अभिषेक सिंह
Updated On: Aug 31, 2025 | 05:35 AM

प्रणब मुखर्जी व इंदिरा गांधी (सोर्स- सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

Pranab Mukherjee Death Anniversary: भारतीय राजनीति में तमाम ऐसे दिग्गज नेता हुए हैं जिन्होंने पगडंडियों से चलकर सियासत के शिखर तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। आज एक ऐसे ही शख्स की पुण्यतिथि है जिसे ‘सियासत का शिखर पुरुष’ की संज्ञा मिली। जो आजीवन कांग्रेसी विचारधारा के साथ जुड़ा रहा लेकिन उसकी स्वीकार्यता दलगत राजनीति से परे थी।

हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं वह इंदिरा गांधी के करीबियों में से एक रहे। उन्होंने भारतर सरकार में विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारियां तो संभाली। इसके बाद में वह भारत का प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति भी बने। अब तक आप समझ गए होंगे कि हम ‘भारत रत्न’ प्रणब मुखर्जी की बात कर रहे हैं।

कहा जाता था इंदिरा का उत्तराधिकारी

11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल (उस समय बंगाल प्रेसिडेंसी) के मिराती में जन्मे प्रणब दा पहली बार साल 1969 में इंदिरा गांधी के प्रस्ताव पर राज्यसभा के सदस्य बने। इसके बाद उन्होंने 1975, 1981, 1993 और 1999 में उपरी सदन में उपस्थिति दर्ज कराई। एक समय ऐसा था कि वे इंदिरा गांधी के उत्तराधिकारी माने जाने लगे थे।

इंदिरा की मौत के बाद नहीं मिली कुर्सी

लेकिन इंदिरा गांधी की मौत के बाद मुखर्जी पीएम की कुर्सी के दावेदार थे, लेकिन तभी उन्हें कांग्रेस से दरकिनार कर दिया गया। राजीव गांधी इंदिरा की विरासत संभाली। मुखर्जी को मंत्रिमंडल से अपना पद गंवाना पड़ा और उन्हें क्षेत्रीय पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रबंधन देखने के लिए भेज दिया गया।

फिर दोबारा जीवंत हो उठी सियासत

इसके बाद 1991 में राजीव की मृत्यु के बाद वो फिर सियासत की मुख्यधारा में वापस आ गए। पी.वी. नरसिम्हा राव ने उन्हें भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष और बाद में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया। उन्होंने 1995 से 1996 तक राव के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया।

प्रणब मुखर्जी (सोर्स- सोशल मीडिया)

मुखर्जी को गांधी परिवार का वफादार और सोनिया गांधी के राजनीति में प्रवेश का एक प्रमुख वास्तुकार माना जाता था, और माना जाता है कि उन्होंने इस जिम्मेदारी को लगातार पूरा किया। सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद, उन्हें 1998-99 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव बनाया गया।

फिर मिला पीएम बनने का मौका

साल 2004 में उन्होंने बंगाल की जंगीपुर लोकसभा से चुनाव लड़ा और जीतकर सदन पहुंचे। 1984 के बाद ये वह मौका था जब प्रणब दा से पीएम बन सकते थे। लेकिन सोनिया गांधी  ने गांधी परिवार के वफादार मनमोहन सिंह पर भरोसा जताया। तीसरी बार यह मौका उन्हें पांच साल बाद 2009 में फिर मिला, लेकिन एक बार फिर कुर्सी फिसल गई। ऐसा कहा जाता है कि अगर प्रणब मुखर्जी 2009 में पीएम बने होते तो 2014 में नतीजे कुछ और होते।

बन गए भारत के प्रथम नागरिक

मनमोहन सिंह की सरकार में उन्हें केंद्र में रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली। लेकिन 2006 में उन्होंने एक बार फिर विदेश मंत्री की कुर्सी संभाली। साल 2009 से 2012 तक वह वित्त मंत्री रहे। उसके भारत के प्रथम नागरिक बन गए।

संघ को पढ़ाया राष्ट्रवाद का पाठ

राष्ट्रपति रहते हुए ही साल 2018 में वह संघ के एक कार्यक्रम में शिरकर करने नागपुर पहुंचे। कार्यक्रम में शिरकत करने को लेकर कांग्रेस में हड़कंप मच गया। हालांकि इस कार्यक्रम में उन्होंने संघ को ही राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ा दिया था। तब जाकर कांग्रेस की चिंताएं दूर हुईं।

क्या बोले थे भारत रत्न प्रणब दा?

मुखर्जी ने आरएसएस के कार्यक्रम में कहा था कि असहिष्णुता भारत की राष्ट्रीय पहचान को कमज़ोर करेगी। हमारा राष्ट्रवाद सार्वभौमिकता, सह-अस्तित्व और एकीकरण से उपजा है। प्रणब दा ने राष्ट्र की अवधारणा को लेकर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के विचारों का भी हवाला दिया था। उन्होंने स्वतंत्र भारत के एकीकरण के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रयासों का भी ज़िक्र किया था।

यह भी पढ़ें: रघुपति सहाय क्यों बन गए फिराक? जिसके लिए लालयित रहते हैं कवि…इंदिरा के उसी प्रस्ताव को मारी ठोकर

मुखर्जी ने कहा था कि भारत में हम अपनी शक्ति सहिष्णुता से प्राप्त करते हैं और अपनी बहुलवाद का सम्मान करते हैं। हमें अपनी विविधता पर गर्व है। इस दौरान उन्होंने राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर अपने विचार साझा किए। हमारा राष्ट्रवाद किसी विशेष क्षेत्र, भाषा या धर्म से बंधा नहीं है। हमारा राष्ट्रवाद संविधान से प्रवाहित होता है। ‘भारत की आत्मा बहुलवाद और सहिष्णुता में बसती है।’

2019 में मिला भारत रत्न

प्रणब मुखर्जी को साल 2019 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 2020 में आज ही के दिन यानी 31 अगस्त को निधन हो गया था। लेकिन उन्हें आज भी समूचा देश याद करता है।

Congress leader taught rss nationalism missed becoming pm three times

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Aug 31, 2025 | 05:35 AM

Topics:  

  • Bharat Ratna
  • BJP
  • Congress
  • Death Annieversary
  • RSS

सम्बंधित ख़बरें

1

बार-बार चुनाव होना एक बड़ी समस्या, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर बोले सुनील बंसल

2

‘दो भाई, वोट चोरों की तबाही’, वोट अधिकार यात्रा के बाद राहुल ने अखिलेश को कहा- धन्यवाद

3

जाट आरक्षण आंदोलन की सुगबुगाहट, अक्टूबर में लग सकता है मोर्चा; पिछली पर जल गया था हरियाणा

4

‘डुप्लीकेट सीएम चाहिए या…,’ राहुल के सामने तेजस्वी ने खुद को बताया CM फेस, तो हमलावर हो गई BJP

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.