हमलावर राजेशभाई खिमजीभाई सकरिया व दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (फोटो- सोशल मीडिया)
Rekha Gupta Attack Update: दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह जनसुनवाई के दौरान हमला हो गया था। इसके बाद से दिल्ली की राजनीति में खूब हंगामा बरपा घटना मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर सिविल लाइंस स्थित उनके आवास पर जनसुनवाई के दौरान हुई। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया आरोपी राजेशभाई खिमजीभाई सकरिया ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि मुख्यमंत्री ने उसकी उस अपील को नजरअंदाज कर दिया था जिसमें उसने दिल्ली से आवारा कुत्तों को हटाने का विरोध किया था। उसने दावा किया कि यह सीधे तीन लाख कुत्तों की जान से जुड़ा मामला है।
पुलिस जांच में सामने आया कि 41 वर्षीय सकरिया मूल रूप से गुजरात के राजकोट का निवासी है। उसे अदालत ने पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस, खुफिया ब्यूरो (आईबी) और विशेष प्रकोष्ठ मिलकर मामले की जांच कर रहे हैं। सकरिया के फोन और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की जा रही है। साथ ही, पुलिस उसे राजधानी में उन स्थानों पर भी ले जाएगी, जहाँ वह गया था।
बुधवार की सुबह हुई यह घटना मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साप्ताहिक ‘जनसुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान घटी। आरोपी सकरिया दस्तावेज़ लेकर कतार में खड़ा था, लेकिन अचानक लाइन तोड़कर मुख्यमंत्री तक पहुंच गया। उसने उन पर चिल्लाना शुरू कर दिया, थप्पड़ मारे, बाल खींचे और गालियाँ दीं। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उसे काबू में कर लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। इस हमले के बाद गुप्ता की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सीआरपीएफ ने उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है।
सूत्रों के अनुसार, सकरिया का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उस पर 2019 से 2024 के बीच राजकोट के भक्तिनगर पुलिस स्टेशन में पांच मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से चार मामलों में वह बरी हो चुका है, जबकि एक मामला अब भी अदालत में लंबित है। ये मामले गंभीर चोट पहुंचाने और शांति भंग करने से जुड़े थे। दिल्ली पुलिस अब राजकोट पुलिस से भी संपर्क कर रही है।
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यह पूरा मामला ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में कुत्तों के काटने और रेबीज की समस्या को देखते हुए आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और उन्हें आश्रय स्थलों में भेजने का आदेश दिया था। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस आदेश का स्वागत करते हुए कहा था कि यह कदम जनता को राहत देने के लिए जरूरी है। लेकिन इसी मुद्दे पर आरोपी सकरिया ने इसे कुत्तों की जान के खिलाफ बताया और अपनी नाराजगी को हिंसा के रूप में सामने रखा।