केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना, पुणे मेट्रो फेज-2 की मंजूरी और झरिया कोल फील्ड के लिए संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर एक विशेष प्रस्ताव भी पास किया गया, जिसमें 1975 के आपातकाल को लोकतंत्र की हत्या बताया गया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) के दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार 111.5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देगी। यह केंद्र आलू व शकरकंद की उन्नत किस्मों, टिकाऊ खेती, कीट प्रबंधन, प्रसंस्करण और किसान प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में कार्य करेगा।
#Cabinet approves Pune Metro Rail Project Phase-2: Vanaz to Chandani Chowk (Corridor 2A) & Ramwadi to Wagholi/Vitthalwadi (Corridor 2B), extension of the Existing Pune Metro Phase–I (Vanaz-Ramwadi)
➡️These two elevated corridors will span 12.75 km and include 13 stations,… pic.twitter.com/ByQi3LRpPf
— PIB India (@PIB_India) June 25, 2025
पुणे मेट्रो को मिलेगी रफ्तार, झरिया मास्टर प्लान भी मंजूर
कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण-2 को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत वनज से चांदनी चौक और रामवाड़ी से वाघोली तक 12.75 किमी लंबे दो एलिवेटेड कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिनमें कुल 13 स्टेशन होंगे। यह परियोजना चार साल में पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। यह कदम शहर के तेजी से बढ़ते उपनगरों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
साथ ही झारखंड के झरिया कोल फील्ड में भूमिगत आग और विस्थापन जैसी समस्याओं से निपटने के लिए 5,940 करोड़ रुपये के संशोधित झरिया मास्टर प्लान को भी मंजूरी मिली है। इसमें प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, रोजगार और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह योजना अब तक की सबसे बड़ी कोल-बेस्ड पुनर्वास परियोजनाओं में से एक होगी।
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आपातकाल पर प्रस्ताव पास, लोकतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर कैबिनेट ने एक विशेष प्रस्ताव पारित किया जिसमें 1975 के आपातकाल को संविधान और लोकतंत्र पर हमला बताया गया। कैबिनेट ने लोकतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन भी रखा गया। मंत्री वैष्णव ने कहा कि यह भारत के इतिहास का एक निर्णायक मोड़ था, जिसने संविधान की रक्षा के लिए लाखों लोगों को एकजुट किया।