एनडीए गठबंधन में शामिल नेता (सौजन्य- सोशल मीडिया)
दिल्ली: लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद कई उठा-पटक देखने को मिला। नतीजे जारी होने के तीन दिन बाद आज आखिरकार भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन के नवनिर्वाचित सांसद नरेंद्र मोदी अपना नेता चुनने के लिए नई दिल्ली में बैठक करेंगे। मिल रही जानकारी के मुताबिक तेलुगु देशम पार्टी के सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने पार्टी के सभी सांसदों को बैठक में भाग लेने का निर्देश दिया है। टीडीपी ने आंध्र प्रदेश में 16 सीटें जीती है। वहीं एनडीए गठबंधन ने कुल 25 में से 21 सीटों पर बाजी मार ली है।
टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू आज एनडीए बैठक में भाग लेने वाले हैं। इनके अलावा आज के इस बैठक में जेडीयू के नेता नीतीश कुमार भी अहम भूमिका निभाने वाले है। इन दोनों पार्टियों और एनडीए के सभी सर्मथकों का समर्थन पत्र मिलने के बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा जाएगा। जिसके बाद संभवत: 9 जनवरी को प्रधानमंत्री शपथ लेंगे। एनडीए के बाद इस समय 293 सांसदों का समर्थन है जो की बहुमत के आंकड़े से काफी उपर है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान टीडीपी और जेडीयू के नेता किंगमेकर के रुप में नजर आएं। चंद्रबाबु नायडु ने अपने 16 सांसदों का समर्थन दिया वहीं जेडीयू ने अपने 12 सांसदों का समर्थन देकर बहुमत के आंकड़े को पार कर दिया। हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों किंगमेकर एनडीए गठबंधन के सामने अपनी कुछ शर्तें भी रखने वाले हैं। अगर सभी बाते बन जाती है तो ऐसा पहली बार होगा की टीडीपी केंद्र में एनडीए के साथ सरकार बनाएगी।
आंध्रप्रदेश और बिहार दोनों ही केंद्र सरकार से काफी लंबे समय से विशेष राज्य का दर्जा की मांग कर रहा है। ऐसे में आज का यह मौका उनके लिए खास होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने वरिष्ठ सांसदों के लिए मंत्री पद चाहते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य को विशेष राज्य के दर्जे के साथ चार मंत्री पद की भी मांग करने वाले हैं। अगर गठबंधन के सभी बातों पर सर्वसम्मति बनती है तो इस गठबंधन के मुखिया के तौर पर नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। जिसके साथ लगातार तीन बार नॉन कांग्रेसी प्रधानमंत्री का नया रिकॉर्ड भी बन जाएगा। बता दें कि देश में अबतक कांग्रेस नेता और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने ही तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। इनके बाद आज तक इस रिकॉर्ड को कोई तोड़ नहीं पाया।