दुष्यंत चौटाला, चौधऱी बीरेंद्र, जगदीप धनखड़, सत्यपाल मलिक (फोटो-सोशल मीडिया)
New Delhi Politics: राजधानी दिल्ली का सियासी पारा बेमौसम खतरे के निशान तक पहुंच गया, जब देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया। उन्होंने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, लेकिन विपक्षी नेता से लेकर राजनीति के जानकार मानने को तैयार नहीं हैं कि धनखड़ ने इस्तीफा स्वास्थ कारणों से दिया है।
संसद का मानसून सत्र चल रहा है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राज्यसभा की पहले दिन की कार्यवाही का संचालन किया। इसके बाद देर शाम इस्तीफा दे दिया। दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे के बीच ऐसा क्या हुआ जो बात इस्तीफे तक पहुंच गई। इसको लेकर लुटियंस दिल्ली में अलग-अलग अटकलें लगाई जा रहीं हैं। इस्तीफे का असली कारण अभी तक नहीं पता चल पाया है। इस्तीफे के असली कारण का इंतजार करते रहिए। तब तक हम आपको बताते हैं कि कौन-कौन जाट नेता भाजपा को बोल चुके हैं अलविदा।
दरअसल सियासी इतिहास टटोलने पर पता चलता है कि भाजपा से जाट संभलते ही नहीं है। नाराजगी के बाद भाजपा को अलविदा कहने वाले जगदीप धनखड़ इकलौते नहीं हैं। इनसे पहले भी कई नेताओं ने अचानक पार्टी छोड़ी है। इस लिस्ट में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्य मलिक, चौधरी बीरेंद्र सिंह और दुष्यंत चौटाला का नाम शामिल है। ये सभी नेता भाजपा में रहे और पार्टी एवं पद से हटने के बाद भाजपा की बखिया उधेड़ने लगे।
जम्मू-कश्मीर में को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद राज्य से राज्यपाल का पद खत्म हो गया। इसके बाद भाजपा ने सत्यपाल मलिक कोई पद नहीं दिया। यहीं से सत्यपाल मलिक ने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए। उन्होंने पानी पी-पी के भाजपा और मोदी सरकार को कोसना शुरू कर दिया। उन्होंने पुलवामा हमले का जिम्मेदार गृहमंत्रालय को बताया। नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि एक तरफ जवान शहीद हो गए थे। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री का फोटो शूट चल रहा था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह बेटे बृजेंद्र सिंह के साथ 2024 लोकसभा चुनाव से करीब 3 महीने पहले इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे ने भाजपा को झकझोर दिया था। क्योंकि बृजेंद्र सिंह ने जब भाजपा को अलविदा कहा तब वो सांसद थे। उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। बृजेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक पार्टी है, किसान विरोधी है। वो किसानों का दमन नहीं सह सके। इसलिए कांग्रेस में घर वापसी कर रहे हैं।
हरियाणा में भाजपा और जजपा की साझा सरकार चल रही थी। मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री थे और दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम थे। सरकार अच्छे से चल रही थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर पेच फंस गया। भाजपा जजपा को दो सीटें देना चाहती थी। इसमें से एक सीट रोहतक थी तो दूसरी कुरुक्षेत्र। दोनों सीटों पर हार तय थी। इसके बाद गठबंधन टूट गया। मनोहर लाल खट्टर को इस्तीफा देना पड़ा और नायब सैनी के नेतृत्व नई सरकार गठन हुआ।
ये भी पढ़ें-VIDEO: ट्रेनिंग सेंटर से 600 महिला सिपाही रोते हुए निकलीं, कहा- बाथरूम में कैमरे
अब जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि अभी तक वो भाजपा में बने हुए हैं। आगे के पॉलिटिकल डेवलपमेंट का इंतजार है। अगर धनखड़ के इस्तीफे और इसके बाद की क्रोनोलॉजी देखें तो स्पष्ट पता चलता है। ये इस्तीफा भाजपा आलाकमान और धनखड़ के बीच अनबन के बाद दिया गया है।