Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Parliament Session |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

जयंती विशेष: वो राजनेता जिसने महारानी को दी मात तो बदले में मिला महाराजगंज, 2019 में भारत रत्न से किया गया सम्मानित

आज यानी यानी 11 अक्टूबर को एक ऐसी शख्सियत की जयंती है जिसे न केवल भारत रत्न कहा गया बल्कि उस सम्मान से नवाजा भी गया। जिसने देश की सियासत में कुर्सी नहीं बुलंदी हासिल की। जिसने एक महारानी को उसी के राज्य में मात दे दी और महल में जाकर यह भी कह दिया कि आपकी प्रजा ने मुझे चुना है।

  • By अभिषेक सिंह
Updated On: Oct 11, 2024 | 06:00 AM

भारत रत्न नानाजी देशमुख

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डेस्क: आज यानी यानी 11 अक्टूबर को एक ऐसी शख्सियत की जयंती है, जिसे न केवल भारत रत्न कहा गया बल्कि उस सम्मान से नवाजा भी गया। जिसने देश की सियासत में कुर्सी नहीं बुलंदी हासिल की। जिसने एक महारानी को उसी के राज्य में मात दे दी और महल में जाकर यह भी कह दिया कि आपकी प्रजा ने मुझे चुना है। जिसने संघ को कंधों पर उठाकर खड़ा किया, और जिसने समाजसेवा के लिए सियासत छोड़ दी।

देश आज भारत रत्न नानाजी देशमुख की 108वीं जयंती मना रहा है। नानाजी देशमुख का जन्म 1919 में आज ही के दिन महाराष्ट्र के हिंगोली में हुआ था। नानाजी देशमुख गरीब मराठी ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे। लेकिन जहीनियत और विद्वता में किसी सम्राट से कम अमीर नहीं थे।

आरएसएस को संभाला

नानाजी के आरएसएस संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार से पारिवारिक जैसे संबंध थे। हेडगेवार ने नानाजी की उभरती सामाजिक प्रतिभा को पहचान लिया था। जिसके चलते हेडगेवार ने नानाजी को संघ की शाखा में आने को कहा। वर्ष 1940 में हेडगेवार की मृत्यु के बाद संघ की स्थापना का दायित्व नानाजी के कंधों पर आ गया। नानाजी ने इस संघर्ष को अपने जीवन का मुख्य उद्देश्य बना लिया और अपना पूरा जीवन संघ को समर्पित कर दिया।

बलरामपुर की महारानी को दी शिकस्त

नानाजी देशमुख ने चुनाव में बलरामपुर स्टेट की महारानी राजलक्ष्मी कुमारी देवी को हराया। चुनाव जीतने के बाद नानाजी देशमुख महारानी राजलक्ष्मी कुमारी देवी से मिलने उनके महल गए। महारानी और नानाजी देशमुख की यह मुलाकात बेहद सहज और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। नानाजी देशमुख ने महारानी से कहा कि आपकी प्रजा ने मुझे चुना है और मैं क्षेत्र के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।

यह भी पढ़ें:- पुण्यतिथि विशेष: सिर्फ दंगल में ही नहीं राजनीतिक अखाड़े में भी चलता था मुलायम सिंह यादव का ‘चर्खा दांव’

नानाजी देशमुख ने महारानी से कहा था कि इस बार आपकी जनता ने मुझे आपके स्थान पर अपना प्रतिनिधि चुना है। अब मेरा कर्तव्य है कि मैं आप जैसे लोगों के साथ रहूँ और उनके सुख-दुख में भागीदार बनूँ। आप यहाँ की महारानी हैं, मुझे रहने के लिए एक घर दीजिए।” महारानी राजलक्ष्मी कुमारी देवी ने नानाजी देशमुख को निराश नहीं किया। उन्होंने कहा कि बलरामपुर एस्टेट के महाराजगंज की धरती आज से आपकी है।

बसाया ‘जयप्रभा’ नाम का गांव

नानाजी देशमुख ने वहां एक नया गांव बसाया। उन्होंने उस गांव का नाम जयप्रभा गांव रखा। जय का मतलब लोकनायक जयप्रकाश नारायण और प्रभा का मतलब उनकी पत्नी प्रभावती है। जब तक नानाजी देशमुख जीवित रहे, वे इस गांव को अपने आदर्शों के अनुरूप ढालते रहे। नानाजी देशमुख को 2,17,254 वोट मिले। उन्होंने महारानी को 1,14,006 के अंतर से हराया। यह इस लोकसभा क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी जीत भी है।

समाजसेवा में अर्पित किया जीवन

पहली बार चुनाव जीतने के बाद नानाजी देशमुख ने 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया और अपना पूरा जीवन समाज सेवा को समर्पित कर दिया। नानाजी देशमुख एक सच्चे समाजसेवी और देशभक्त थे। उनके कार्यों की बदौलत उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

यह भी पढ़ें:- पुण्यतिथि विशेष: किसने मुंशी प्रेमचंद को कहा ‘उपन्यास सम्राट’ क्यों अंग्रेजों ने जला दी थी उनकी इस रचना की 5 सौ प्रतियां?

वर्ष 1989 में भारत भ्रमण के दौरान नानाजी पहली बार भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट आए और फिर यहीं रहने लगे। यहां के गांवों की दुर्दशा देखकर नानाजी ने लोगों के लिए काम करने का फैसला किया। 27 फरवरी 2010 को नानाजी का निधन हो गया। उनके निधन के बाद नानाजी के पार्थिव शरीर को एम्स को सौंप दिया गया।

Birth anniversary special know interesting facts about nanaji deshmukh

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Oct 11, 2024 | 12:16 AM

Topics:  

सम्बंधित ख़बरें

1

आज का राशिफल- 20 अगस्त अगस्त 2025: वृषभ-कर्क इन दो राशियों को मिल सकता है शुभ समाचार, जानिए बाकियों

2

Rapper Vedan: रैपर वेदान को यौन शोषण मामले में गिरफ्तारी से मिली राहत

3

Mumbai Rain: जलमग्न हुआ जलसा, पानी में डूबा अमिताभ का घर, मुंबई में भारी बारिश से मचा कोहराम

4

Honda ने पूरे किए 6 महीने: Activa e की धीमी बिक्री, QC1 बना ग्राहकों की पहली पसंद

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.