पहलवान और कांग्रेस नेता बजरंग पूनिया ने कोच दहिया से माफी मांगी (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: यौन उत्पीड़न के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन से जुड़ा एक और मामला अब खत्म हो गया है। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान और कांग्रेस नेता बजरंग पूनिया ने कोच नरेश दहिया से सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांग ली है। इस माफीनामे के बाद दिल्ली की अदालत ने पूनिया के खिलाफ चल रहे आपराधिक मानहानि के केस को बंद कर दिया। बजरंग ने स्वीकार किया कि जंतर-मंतर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने दहिया के खिलाफ गलत और असंवेदनशील बयान दिए थे, जिससे उन्हें और उनके परिजनों को ठेस पहुंची।
कोच नरेश दहिया ने दावा किया था कि पिछले साल 10 मई को जंतर-मंतर पर विरोध के दौरान उन्हें लेकर जो बातें कही गईं, वो न केवल बेबुनियाद थीं, बल्कि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने वाली भी थीं। कोर्ट में दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से मामले को सुलझाने का निर्णय लिया, जिसे न्यायाधीश ने मंजूरी देते हुए केस को बंद कर दिया। यह निर्णय पहलवानों के आंदोलन से उपजी कई जटिलताओं में से एक अहम अध्याय का शांतिपूर्ण अंत माना जा रहा है।
जंतर-मंतर के आंदोलन से उपजा विवाद
2023 में पहलवानों के उस ऐतिहासिक आंदोलन के दौरान बजरंग पूनिया ने कई तीखे आरोप लगाए थे, जिनमें एक नाम कोच नरेश दहिया का भी था। पूनिया ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ जंतर-मंतर पर हो रहे विरोध के बीच एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दहिया के खिलाफ बयान दिए थे। लेकिन अब उन्होंने कोर्ट में पेश किए गए माफीनामे में स्वीकार किया कि वे आरोप असंवेदनशील और तथ्यहीन थे, जो एक प्रतिष्ठित कोच की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले थे।
कोर्ट में सुलह के बाद मामला समाप्त
बजरंग पूनिया ने न केवल अपने बयानों पर खेद जताया, बल्कि दहिया और उनके परिजनों से दिल से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि दहिया देश के लिए योगदान देने वाले एक सम्मानित कोच हैं और उन्होंने जो भी कहा, वह आंदोलन की भावनात्मक स्थिति में आकर कह दिया गया। इस माफीनामे के बाद अदालत ने आपराधिक मानहानि के केस को समाप्त कर दिया, जिससे यह मामला अब औपचारिक रूप से खत्म हो गया है।