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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर थे। अब इसे लेकर चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स की तरफ से एक लेख छापा गया है। इस लेख में पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा का जिक्र करते हुए भारत को नसीहत दी गई है। यही नहीं, इस आर्टिकल में साफ-साफ शब्दों में भारत को अमेरिका से दूर रहने के लिए कहा है।
चीन के पेपर द्वारा छापे गए इस लेख में दावा किया गया है कि अमेरिका लंबे समय से चीन से निपटने के लिए भारत का सहारा ले रहा है और भारत को इसे लेकर अलर्ट होने की जरूरत है। लेख में यह भी कहा गया है कि अमेरिका ऐसे देशों से गठजोड़ करता है, जिनसे उसे लाभ हो सके। उसकी पीठ में छुरा घोंपने की आदत है।
चीनी मीडिया ने यह भी कहा कि तमाम ऑब्जर्वर इस बात को माननते हैं, कि चीन से निपटने के लिए अमेरिका अपनी जियो-पॉलिटिकल फायदा हासिल करने के लिए भारत के सामने इस तहर के प्रस्ताव रख रहा है, और अमेरिका और भारत दोनों ही इसके बारे में मौन रूप से अवगत हैं। लेकिन “घनिष्ठ संबंधों” की यह उपयोगितावादी प्रकृति अस्थायी, अस्थिर और अविश्वसनीय है।
इस लेख में अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर के हवाले से कहा गया कि उन्होंने एक बार कहा था कि अमेरिका का कोई स्थाई दोस्त नहीं है, उसके हित केवल स्थाई होते हैं। अखबार में कहा गया कि अमेरिका दूसरे देशों की सद्भावना के बल पर सुपरपावर नहीं बना है, बल्कि दूसरे देशों को डराकर वह इस मुकाम तक पहुंचा है। अखबार में कहा गया है कि अमेरिका अब चीन से डरा हुआ है और यही कारण है कि वह मदद के लिए दूसरे देशों की तलाश कर रहा है।
लेख में लिखा गया है, “भले ही मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान चीन का कोई जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन तमाम विश्लेषक और ऑब्जर्वर इस बात को जानते और मानते हैं, कि अमेरिका और भारत के बीच गहरे होते संबंध की वजह चीन है।”