अजीत डोभाल, फोटो ( सोर्सः सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : एक बड़ी खबर के अनुसार अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनिया के 20 बड़े देशों के इंटेलिजेंस चीफ आज भारत आ रहे हैं। इतना ही नही वे भारत की ओर से इंटेलिजेंस को लेकर आयोजित होने वाली कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे। इस मीटिंग की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करेंगे। राजधानी दिल्ली में आज यानी 16 मार्च को होने वाली इस मीटिंग में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, न्यूजीलैंड और अन्य देशों के इंटेलिजेंस चीफ और डिप्टी चीफ के शामिल होने की उम्मीद है।
इस खास कॉन्फ्रेंस में आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी शेयर करने के तरीके बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। इसके इतर एनएसए डोभाल कई देशों के इंटेलिजेंस चीफ से पर्सनल मीटिंग भी करेंगे। अमेरिकी खुफिया विभाग की प्रमुख तुलसी गबार्ड, कनाडा के खुफिया प्रमुख डैनियल रॉजर्स और ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआई-6 के प्रमुख रिचर्ड मूर उन शीर्ष वैश्विक खुफिया प्रमुखों में शामिल हैं, जो भारत में इस सप्ताहांत होने वाले सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
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NSA अजीत डोभाल आज 16 मार्च को भारत की मेजबानी में आयोजित होने वाले सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें आतंकवाद और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। वहीं ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, न्यूजीलैंड और भारत के कई अन्य मित्र देशों के खुफिया प्रमुखों के भी नयी दिल्ली में होने वाले विचार-विमर्श में शामिल होने की संभावना है।
कहा गया कि, गबार्ड जापान, थाईलैंड और फ्रांस के बहु-देशीय दौरे के हिस्से के रूप में भारत आ रही हैं। यह अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के किसी शीर्ष अधिकारी की भारत की पहली उच्च-स्तरीय यात्रा होगी। खुफिया प्रमुखों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा गबार्ड रायसीना डायलॉग को संबोधित करने और NSA डोभाल के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी संभावना है।
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अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) गबार्ड थाईलैंड की अपनी यात्रा के बाद 15 मार्च को भारत आएंगी। गबार्ड ने पिछले महीने अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। सुरक्षा एवं खुफिया प्रमुखों के सम्मेलन में लगभग 20 देशों की खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख एवं उप प्रमुखों के जुटने की उम्मीद है।
इस मिटींग में सुरक्षा और खुफिया प्रमुख आतंकवाद के वित्तपोषण के साथ-साथ साइबर अपराधों से निपटने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा कर सकते हैं। वहीं कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) के प्रमुख रॉजर्स की भारत यात्रा हरदीप सिंह निज्जर मामले को लेकर दोनों देशों के रिश्तों में जारी तनाव के बीच हो रही है।
जानकारी दें कि, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते सितंबर 2023 में आरोप लगाया था कि कनाडा की धरती पर निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट का हाथ हो सकता है, जिसके बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में दरार आ गई थी। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका” बताकर खारिज कर दिया था। पिछले साल की दूसरी छमाही में दोनों देशों के बीच संबंध और भी खराब हो गए, जब कनाडा ने उच्चायुक्त संजय वर्मा समेत कई भारतीय राजनयिकों पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया।
अक्टूबर 2024 में कनाडा ने वर्मा और पांच अन्य भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में नयी दिल्ली ने भी कनाडा के उच्चयोग प्रभारी स्टीवर्ट व्हीलर और पांच अन्य राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। ऐसा माना जा जा रहा है कि रॉजर्स के साथ डोभाल की बातचीत में इस मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है। घटनाक्रम से वाकिफ अधिकारियों के मुताबिक, सम्मेलन के दौरान डोभाल कई प्रमुख देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।