जगदीप धनखड़, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह और पीएम मोदी (File Photo)
BJP News: उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से ही सियासी हलचल तेज है। केंद्र में सत्ताधारी भाजपा के संगठन और सरकार में बड़ा बदलाव होने की संभावना है। जगदीप धनखड़ ने ऐसे समय में पद से इस्तीफा दिया है, जब पार्टी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष तय करने को लेकर माथापच्ची चल रही है। पार्टी को राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर एक ऐसा नेता चाहिए, जो 2029 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की जमीन तैयार कर सके।
उसपर ये भी जिम्मेदारी होगी कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार की उपलब्धियों को भी लोगों तक पहुंचा सके। भाजपा का अगला अध्यक्ष वो व्यक्ति होगा जो संगठन को मजबूत कर सके और साथ ही आरएसएस की विचारधारा पर भी पार्टी को रखे।
उपराष्ट्रपति का पद खाली होने के बाद भाजपा के सामने दो बड़ी चुनौतियां आ गई हैं। पहली तो ये है कि पार्टी अब तक अपना अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं खोज पाई है, जिसमें पहले ही काफी देर हो चुकी है। दूसरी यह कि अब देश को एक नया उपराष्ट्रपति भी देना होगा, जिसके लिए अचानक ये परिस्थिति पैदा हुई है। खासकर दूसरे मामले में भाजपा को एनडीए के सहयोगियों से तालमेल बैठाकर ही फैसला लेना होगा।
इन सब घटनाक्रमों के बीच मोदी कैबिनेट में फेरबदल होना भी तय है। कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल या मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है तथा कुछ मौजूदा मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं। इन सब कारणों से सरकार और पार्टी के संगठन दोनों में बड़ा बदलाव होना तय माना जा रहा है। इस साल के आखिर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी इन बदलावों पर जल्द ही अमल कर सकती है।
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उपराष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी को ऐसे शख्स की आवश्यकता है, जो अनुभवी के साथ-साथ इस महत्वपूर्ण संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने की क्षमता भी रखता हो। क्योंकि, सरकार 2029 के लोकसभा चुनावों से पहले ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ जैसा बड़ा बिल लाने की तैयारी में है। इसमें सरकार के लिए राज्यसभा के सभापति की भूमिका अहम होगी और ये सरकार और भाजपा के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगी।