कॉन्सेप्ट फोटो (सौजन्य- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: मोदी सरकार के द्वारा पिछली सरकार के द्वारा बनाए गए 3 नये कानूनों को 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू किया जाना है। इसके चलते देश में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो जाएगा। इसके बारे में व्यापक जागरूकता फैलाने व लोगों को जानकारी देने के लिए देशभर के पुलिस थानों में खास तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। साथ ही साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सहित अन्य शैक्षणिक एजेंसियों व संस्थानों से इस दिन प्रचार प्रसार के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहे गए हैं।
जानकारी के अनुसार, देश के समस्त 17,500 पुलिस थाने एक जुलाई को एक विशेष आयोजन करेंगे, जिसमें महिलाओं, छात्रों, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और प्रतिष्ठित हस्तियों को उस दिन प्रभाव में आने वाले तीन नये अपराध कानूनों की प्रमुख विशेषताओं से अवगत कराया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इन नये कानूनों में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 हैं, जो एक जुलाई से प्रभाव में आएंगे। ये तीनों नए कानून ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
सूत्रों ने बताया कि इन तीन नये आपराधिक कानूनों के प्रभाव में आने के मौके पर एक जुलाई को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रत्येक पुलिस थाने में प्रभारी अधिकारी एक कार्यक्रम आयोजित करेंगे और इन नये कानूनों की प्रमुख विशेषताओं से लोगों को अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि थानों या किसी अन्य स्थान पर आयोजित इस कार्यक्रम में महिलाएं, युवा, छात्र, वरिष्ठ नागरिक, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, जानीमानी हस्तियां, स्वयं-सहायता समूहों, आंगनवाड़ी केंद्रों तथा स्थानीय शांति समितियों के सदस्य एवं शिक्षण संस्थान भी भाग लेंगे।
पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो द्वारा संकलित पुलिस संगठन के एक आंकड़े के अनुसार देश में 17,500 से अधिक थाने हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के तहत संचालित सभी उच्च शिक्षण संस्थान एक जुलाई को सामूहिक चर्चा, कार्यशाला, संगोष्ठी आदि गतिविधियों का आयोजन करेंगे और नए कानूनों के उद्देश्यों को रेखांकित करेंगे।
इन तीन नए कानूनों में ऑनलाइन पुलिस शिकायत दर्ज होना, पेशी के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से समन भेजना, सभी जघन्य अपराधों के स्थानों की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी कराना एवं ‘जीरो’ प्राथमिकी दर्ज करना जैसी प्रमुख विशेषताएं हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय अगले सप्ताह से इन तीन नए अपराध कानूनों को लागू करने के लिए कमर कस चुका है। इन कानूनों के संबंध में 5.65 लाख से अधिक पुलिस, जेल, फॉरेंसिक, न्यायिक और अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया गया है।
–एजेंसी इनपुट के साथ