नवभारत डिजिटल टीम: नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के तहत 14 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है। गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार (15 मई) को कहा गया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सीएए के तहत नई दिल्ली में 14 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे। इसके साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो गई।
11 मार्च 2024 को नागरिकता (संशोधन) नियम लागू होने के बाद से पहली बार नागरिकता प्रमाणपत्रों का वितरण किया गया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कुछ आवेदकों को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे। भारत सरकार ने 11 मार्च, 2024 को नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को लागु किया। जिसके बाद इसके नियमों के आधार पर आवेदन करने के तरीके, जिलास्तरीय समिति (DLC) की ओर से आवेदन को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया और राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (EC) की तरफ से आवेदनों की जांच और नागरिकता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने एक निर्दिष्ट पोर्टल के माध्यम से आवेदनों पर ऑनलाइन मंजूरी के बाद 14 लोगों को प्रमाण पत्र सौंपे। सीएए को 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ना के शिकार गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए दिसंबर 2019 में लाया गया था। इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग शामिल हैं। कानून बनने के बाद, सीएए को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई लेकिन जिन नियमों के तहत भारत की नागरिकता दी जानी थी, उन्हें चार साल से अधिक की देरी के बाद इस साल 11 मार्च को जारी किया गया।