क्या होता हैं लासा वायरस का बुखार
Lassa Fever: बदलते मौसम के कई बड़ी बीमारियां और वायरस का खतरा पनपने लगने लगता है। कोरोना के बाद अब तक कई बड़ी बीमारियां सामने आ चुकी है मंकी वायरस के बाद अब वेस्ट अफ्रीका में लासा बुखार की दहशत मच रही है। इस बीमारी से हाल ही में एक मामला सामने आया था जिसकी मौत होने की पुष्टि हुई है। चलिए जानते इस बीमारी के बारे में और इसके लक्षण।
यहां पर लासा वायरस बीमारी को स्पष्ट करते चलें तो, एक तीव्र वायरल रक्तस्रावी बीमारी है जो लासा वायरस फैलने के कारण होती है। इस बीमारी के फैलने का कारण मास्टोमिस नेटालेंसिस नामक चूहा है जिसकी वजह से फैलता है। यहां पर यह वायरल बीमारी बेनिन, घाना, गिनी, लाइबेरिया, माली, सिएरा लियोन, टोगो और नाइजीरिया में सबसे ज्यादा फैल रही हैं।
इस लासा वायरस की बात करें तो, लासा बुखार का पहला मामला 1969 में सामने आया था जहां पर इस बीमारी का नाम नाइजीरिया के नाम पर पड़ा था,जहां इसका सबसे पहले निदान किया गया था इस वायरस के गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती मरीजों में इसकी देखी गई मृत्यु दर 15% के करीब देखी गई थी।
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यह बीमारी बुखार, सामान्य कमजोरी और अस्वस्थता जैसे लक्षणों से शुरू होती है. कुछ दिनों के बाद, सिरदर्द, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, सीने में दर्द, मतली, उल्टी, दस्त, खांसी और पेट दर्द सहित अतिरिक्त लक्षण विकसित हो सकते हैं. गंभीर मामलों में, व्यक्तियों को चेहरे की सूजन, फेफड़ों की गुहा में द्रव का संचय, मुंह, नाक, योनि या जठरांत्र संबंधी मार्ग से रक्तस्राव और निम्न रक्तचाप का अनुभव हो सकता है।
यहां पर इस लासा वायरस को लेकर कितने दिन की अवधि होती है इसके पीछे अवधि 6 से 21 दिनों तक होती है, जिसमें लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 1 से 3 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं जब इसकी स्थिति बिगड़ जाती हैं तो मृत्यु अक्सर लक्षणों की शुरुआत के 14 दिनों के भीतर होती है. यह बीमारी विशेष रूप से गर्भावस्था के अंतिम चरण में गंभीर होती है, जिसमें तीसरी तिमाही के दौरान 80% से अधिक मामलों में मातृ मृत्यु और/या भ्रूण की हानि होती है।
यहां पर इस खतरनाक वायरस की बात की जाए तो वर्तमान में इस बीमारी का कोई उपचार नहीं है. लेकिन कई संभावित उपचार विकसित किए जा रहे हैं।