Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Parliament Session |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

कंगारू केयर से रखें घर पर प्रीमेच्योर बेबी का ख्याल, आज वर्ल्ड प्रीमैच्योरिटी डे पर जान लें ये बातें

हर साल 17 नवंबर यानि आज को विश्व प्रीमैच्योर बेबी दिवस के रूप में जानते है। इस दिवस का उद्देश्य समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों की देखभाल के प्रति लोगों को जागरूक करने से है।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Nov 17, 2024 | 05:03 AM

विश्व प्रीमैच्योर डे 2024 (सौ.सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

World Prematurity Day 2024: एक महिला के जीवन में मां बनना अलग ही अहसास लेकर आता है बच्चे की ख्वाहिश से नई जिंदगी की शुरुआत होती है। कई मामलों में बच्चे नौ महीने पूरे करने के बाद पैदा होते है तो कई बार 7वें या 8वें महीने के आसपास बच्चे ऑपरेशन से डिलीवरी करते है। इन बच्चों को प्रीमैच्योर बेबी के नाम से जाना जाता है।

इस खास तरह के बच्चों के लिए ही हर साल 17 नवंबर को विश्व प्रीमैच्योर बेबी दिवस के रूप में जानते है। इस दिवस का उद्देश्य समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों की देखभाल के प्रति लोगों को जागरूक करने से है।

किन कारणों से जन्म लेते हैं प्रीमैच्योर बेबी

यहां पर प्रीमैच्योर बेबी के जन्म को लेकर स्वास्तिक मैटरनिटी एंड मेडिकल सेंटर की गायनिकॉलजिस्ट डॉ सरोज कुमार ने जानकारी में बताया है इसके चलते हमें इन कारणों के बारे में जानिए…

मैटरनल हिस्ट्री
जेनाइटल इन्फेक्शन
हाइपरटेंशन
डिप्रेशन
मधुमेह
रीनल डिजीज

इन सभी कारणों के अलावा भी बच्चे के समय से पहले होने की संभावना बनने लगती है।

कंगारू केयर होती है बेस्ट

यहां पर प्रीमैच्योर बेबी का ख्याल रखने के लिए सबसे बेस्ट कंगारू केयर होती है। कैसे कंगारू अपने बच्चे को छिपाने के लिए शरीर में थैली बना लेती है वैसे ही बच्चे की सेहत के लिए इस तरह की केयर फायदेमंद मानी जाती है। यहां पर प्रीमैच्योर बच्चे के लिए कंगारू केयर अच्छी होती है। इसमें अपने बच्चे को सीने से चिपका कर रखना जरूरी होता है। इस तरह की केयर का तरीका अपनाते हैं तो आपका बच्चा हाइपोथर्मिया की समस्या से पीड़ित नहीं होता है इसमें मां और बच्चे के बीच बॉन्डिंग मजबूत होती है फीडिंग भी अच्छी तरह से नहीं कर पाते है।

प्रीमेच्योर बेबी का ख्याल रखने के लिए जानें खास बातें

यहां पर प्रीमेच्योर बच्चे का ख्याल रखने के लिए आपको इन खास तरह की बातों का ख्याल रखना चाहिए जो इस प्रकार है..

1- फीड कराने का तरीका

प्रीमेच्योर बेबी को अच्छे पोषण की आवश्यकता होती है इसके लिए मां का दूध जरूरी होता है। इस दौरान बच्चे को बोतल से या किसी ऐसी चीज से फीड नहीं करवाना नहीं चाहिए। आप मिल्क पंप का इस्तेमाल कर मदर मिल्क को कटोरी-चम्मच की मदद दे सकते हैं इसमें एनर्जी बर्बाद नहीं होती है इसके लिए ब्रेस्ट फीडिंग करवाते हुए ध्यान रखना चाहिए।

2-बच्चे को गर्माहट देना जरूरी है

यहां पर प्रीमैच्योर बेबी की देखभाल करने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. डॉक्टर के मुताबिक बच्चे तक गर्माहट पहुंचाना जरूरी है. प्रीमेच्योर बच्चे को रोज़ नहीं नहलाना चाहिए. उसे एक वार्म रूम में ही रखें. रूम का तापमान ठंडा न हो।

ये भी पढ़ें- क्या होता है बनानाफोबिया, केले को देखते ही थर-थर कांपने लगती हैं स्वीडन की मंत्री

3- जानिए दूध पिलाने का समय

यहां पर बच्चे की सेहत के लिए दूध की मात्रा बराबर देने की आवश्यकता होती है। इसके लिए डॉक्टर्स बच्चे को 1.5 से 2 घंटे में दूध पिलाने की सलाह देते हैं लेकिन इसमें बदलाव भी किया जा सकता है। बच्चा ढंग से फीड कर पा रहा है या नहीं इसके लिए यूरिनेशन ऑउटपुट चेक की जा सकती है. जिसकी मदद से फीडिंग पैटर्न पता किया जा सकता है।

4- कितने बार डॉक्टर को दिखाएं

यहां पर बच्चे को आप डॉक्टर की सलाह पर दिखा सकते है इसके लिए डिस्चार्ज के बाद डॉक्टर्स सभी को इसके लिए अलग-अलग सलाह देते हैं. किसी को एक हफ्ते, किसी को 4 दिन. ये सबके लिए अलग हो सकता है। यहां पर बच्चे को पूरे एक महीने के बाद दिखाने के लिए लेकर जाना चाहिए यहां पर उसके सभी अंगों की जांच हो तो अच्छा है क्योंकि समय रहते बच्चे को इलाज मिलना जरूरी है।

Take care of premature baby with kangaroo care

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Nov 17, 2024 | 05:03 AM

Topics:  

सम्बंधित ख़बरें

1

‘सबसे अच्छे जज’ अब नहीं रहे… फ्रैंक कैप्रियो ने 88 साल में दुनिया को कहा अलविदा, जानिए उनकी कहानी

2

जर्जर सड़कों ने रोका परिवहन का पहिया, PWD का 163 करोड़ का प्रस्ताव अटका, रास्तों का हाल-बेहाल

3

नवी मुंबई में आर्म ब्रिज का निर्माण पूरा, पामबीच मार्ग से सायन-पनवेल जुड़ेगा

4

हैदराबाद में एक ही घर में 5 लोगों की मौत, हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी पुलिस

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.