धूम्रपान करने से बढ़ती हैं उम्र (सौ.सोशल मीडिया)
Smoking Lancet Study: डिजिटल जिंदगी के साथ आज के समय में हर कोई फैशन को फॉलो करने की दौड़ में खुद की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे है जिसका नतीजा उनकी सेहत पर पड़ता है। अन्हेल्दी खानपान का तो सहारा ले ही रहे हैं साथ ही धूम्रपान औऱ तंबाकू का सेवन करने से भी नहीं चूक रहे है। हाल ही में एक स्टडी में बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा सामने है इसके मुताबिक अगर कोई स्मोकर अपनी धूम्रपान की लत को कंट्रोल कर लेता है तो उसकी उम्र में 1 साल का इजाफा हो जाता है यह दरअसल पुरूषों की स्वास्थ्य से जुड़ा फैक्ट है।
यहां पर हाल ही में द लांसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में कहा गया है कि, 2050 तक वैश्विक धूम्रपान दर को घटाकर पाँच प्रतिशत करने से पुरुषों की औसत आयु एक वर्ष और महिलाओं की औसत आयु 0.2 वर्ष बढ़ सकती है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि यदि मौजूदा रुझान जारी रहे, तो मध्य शताब्दी तक पुरुषों में धूम्रपान दर घटकर 21 प्रतिशत और महिलाओं में घटकर चार प्रतिशत रह जाएगी। इस स्टडी के अनुसार हर व्यक्ति को अपनी इस लत को कम करना जरूरी है ताकि उम्र में इजाफा हो जाए।
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इसके अलावा एक अन्य ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरीज एंड रिस्क फैक्टर्स (GBD) टोबैको फोरकास्टिंग कोलैबोरेटर्स का सुझाव है कि, तंबाकू को खत्म करने के प्रयासों के साथ जीवन के 876 मिलियन वर्षों की हानि को रोका जा सकेगा। 2095 तक सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से 185 देशों में फेफड़ों के कैंसर से 1.2 मिलियन मौतें रोकी जा सकती हैं, इनमें से दो-तिहाई कम आय वाले और मध्यम आय वाले देशों में होंगी।
इसमें वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के स्टीन एमिल वोल्सेट ने भी इस तथ्य को लेकर अपनी स्टडी की इसमें धूम्रपान को कम करने में गति बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया गया है। इसमें कहा कि, धूम्रपान खत्म करने से लाखों समय से पहले मौतों को रोका जा सकता है। दरअसल 2006 और 2010 के बीच पैदा हुए लोगों के लिए तंबाकू बिक्री पर प्रतिबंध के प्रभाव का विश्लेषण करके जानकारी निकाली गई है जिसमें पता लगाया कि, किस तरह से धूम्रपान से मौतों को रोका जा सकता है। इसके अलावा इसमें तंबाकू मुक्त पीढ़ी नीति के संभावित प्रभावों की भी जाँच की गई, जिसका उद्देश्य एक निश्चित वर्ष के बाद पैदा होने वाले व्यक्तियों को तंबाकू की बिक्री पर रोक लगाना है। इसे लेकर नीति अभी लागू नहीं हुई है।