विश्व एड्स दिवस 2024 (सौ.सोशल मीडिया)
AIDS Day 2024: दुनियाभर में कई बीमारियां फैलने लगती है इसकी जानकारी नहीं पता होने से सेहत को नुकसान होते है। 1 दिसंबर को दुनियाभर में विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है यह दिन एड्स रोगियों को समर्पित दिन होता है। इस बीमारी का इलाज संभव है तो कई लोग एड्स को लेकर भ्रांतियां रखते है। एड्स बीमारी के प्रति लोगों को सतर्क करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
यहां पर पहली बार विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर, 1988 को मनाया गया था। इस समय इस प्रकार की बीमारी संचारित हुई थी और एचआईवी संक्रमण और एड्स एक नई बीमारी थी और इसके बारे में बहुत कम जानकारी थी. विश्व एड्स दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को एचआईवी और एड्स के बारे में शिक्षित करना और इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए प्रयास करना था।
इन मिथकों की जान लीजिए सच्चाई
एड्स की बीमारी को लेकर कई मिथक प्रचलित होते है जिनकी जानकारी हर किसी को नहीं होती है चलिए जानते है इसके बारे में…
संक्रमित व्यक्ति से छूने से फैलती है बीमारी
एड्स को लेकर एक मिथक सबसे ज्यादा सुना जाता है कि, इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के छूने से बीमारी फैलती है। एचआईवी आमतौर पर त्वचा के संपर्क से नहीं फैलता है बल्कि केवल तब फैल सकता है, जब संक्रमित खून, सीरम या अन्य शरीर के तरल पदार्थ खुले घाव या खरोंच के संपर्क में आते हैं।
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केवल यौन संचारित होता है एचआईवी
एचआईवी को लेकर लोगों को यह भी भ्रांति रहती है कि, केवल यौन संचारित होता है हालांकि, एचआईवी संक्रमित खून, सीरम या अन्य शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। इसे ऐसे मानें तो, एचआईवी संक्रमित सुई या सिरिंज का साझा करने से या एचआईवी संक्रमित महिला से उसके बच्चे को जन्म के दौरान या स्तनपान के दौरान एचआईवी फैल सकता है। इस बीमारी के फैलने का एक कारण असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाना भी होता है।
संक्रमित व्यक्ति को पहचानना आसान
एचआईवी को लेकर एक और मिथक यह भी है कि, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को पहचानना आसान है, हालांकि, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति दिखने में सामान्य हो सकता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है एचआईवी संक्रमण के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं हैं और एचआईवी संक्रमण के शुरुआती चरण में कोई लक्षण दिखाई नहीं दे सकते हैं।
लंबे समय तक नहीं जी सकते संक्रमित व्यक्ति
एचआईवी की बीमारी को लेकर एक और मिथक यह भी काफी प्रचलित है कि, संक्रमित व्यक्ति लंबे समय तक नहीं जी सकते। इसके अलावा एचआईवी संक्रमण के बाद भी लोग लंबे और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। एंटीवायरल दवाओं के साथ एचआईवी संक्रमित लोगों का जीवनकाल सामान्य लोगों के समान ही होता है।