मिर्गी की बीमारी के लिए डाइट (सौ.सोशल मीडिया)
National Epilepsy Day 2024: अनियमित जीवनशैली और अनुचित खानपान की वजह से व्यक्ति को कोई ना कोई बीमारी जकड़ लेती है। इस बीच ही आज 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस यानि नेशनल एलिप्सी डे मनाया जाता है। यहां पर मिर्गी की यह बीमारी दिमाग से जुड़ी बीमारी होती है जो दिमाग के हर हिस्से को प्रभावित करता है। यह बीमारी किसी वर्ग विशेष नहीं बल्कि हर किसी को प्रभावित करता है। यहां पर मिर्गी की बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए अच्छी डाइट की आवश्यकता होती है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
यहां पर इस बीमारी को समझें तो, यह दिमाग से जुड़ी बीमारी है जिसमें किसी आनुवंशिक बीमारी या जन्म के बाद मस्तिष्क पर चोट लगने के बाद खिंचाव हो जाता है। कई बार यह दिमाग से जुड़ा हुआ स्ट्रोक दिमाग की इस खतरनाक मिर्गी की बीमारी से जुड़ा होता है। इस मिर्गी की बीमारी के दौरान पीड़ित के शरीर में असामान्य व्यवहार, हाथ-पैर की बीमारी पर दौरा न रहना है। इस बीमारी में पीड़ित को बार-बार दौरे औऱ मुंह में फिट या झाग की शिकायत होती है।
कई मामलों में दिमाग में विभिन्न प्रकार की संवेदनाओं का अनुभव भी होता है। व्यक्ति को दौरे पड़ने के साथ ही कुछ देर के लिए बेहोशी भी आ जाती है। मिर्गी का इलाज आम तौर पर चॉकलेट से किया जाता है। कुछ मामलों में सर्जरी, वैद्यकीय उपकरण या खान-पान में बदलाव करके भी इलाज किया जाता है।
हेल्थ की खबरें पढ़नें के लिए क्लिक करें-
यहां पर मिर्गी की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अपने खानपान पर ध्यान देना जरूरी होता है। इसके लिए आज डायटीशियन द्वारा बीमारी के इलाज में डाइट के बारे में जानकारी दे रहे है जो व्यक्ति के लिए फायदेमंद होती है। यहां पर ब्रेन हेल्थ के लिए आप इस डाइट का पालन कर सकते है।
1-ओमेगा-3 फैटी एसिड
मिर्गी की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजों का सेवन किया जाता है। इसमें दिमाग की सूजन और न्यूरोट्रांसमिशन के लिए सपोर्ट करने का काम करता है। इसके अलावा इससे भरपूर चीजों के खाने से दौरे कम पड़ते है और ब्रेन की हेल्थ को सही बनाता है। इस पोषक तत्व की पूर्ति के लिए मछलियां, चिया सीड्स और अखरोट का सेवन बेस्ट होता है।
2- विटामिन बी6
यहां पर दिमागी सेहत और मिर्गी की बीमारी से बचने के लिए विटामिन बी6 सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमिटर्स के निर्माण में मदद करने का काम करता है। विशेष रुप से मिर्गी के प्रकारों में ग्लूटामेट को गाबा में बदलने में मदद करता है इसमें विटामिन बी6 तत्व से भरपूर केले, चने और आलू का सेवन कर सकते है।
मिर्गी की बीमारी (सौ. प्रतीकात्मक चित्र)
3-एंटीऑक्सिडेंट्स
मिर्गी की बीमारी के खतरे को कम करने के लिए डाइट बेहतर रखना जरुरी है। यहां पर विटामिन सी और ई जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स दिमाग के सेल्स को सुरक्षित रखते हैं. आप इसे बेरीज, खट्टे फल और नट्स से प्राप्त कर सकते हैं।
4-मैग्नीशियम
मिर्गी की बीमारी के खतरे को कम करने के लिए मैग्नीशियम न्यूरोलॉजिकल हेल्थ के लिए आवश्यक होता है। यह नर्व ट्रांसमिशन और मसल्स के सिकुड़ने को कंट्रोल करता है इस मैग्नीशियम से भरपूर पालक, नट्स, बीज और दालें का सेवन करना जरूरी होता है।