प्रतीकात्मक तस्वीर (सौजन्य- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: गर्मी के चिलचिलाते मौसम में गन्ने का जूस मिल जाए तो हर कोई खुश हो जाता है। जहां गन्ने का जूस गर्मी में राहत देता है, वहीं इससे नुकसान भी हो सकता है। ICMR ने गन्ने के जूस का सेवन करने को लेकर चेतावनी दी है। साथ ही सॉफ्ट ड्रिंक, चिनी मिले फ्रूट जूस के साथ-साथ ज्यादा चाय-कॉफी पीने को भी सेहत के लिए नुकसानदेय बताया है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की ओर से जारी गाइडलाइन में बताया गया है कि गन्ने के जूस में हाई शूगर कंटेट होता है। सेहत से जुड़ी समस्याओं को देखते हुए गन्ने का जूस कम से कम पीने की सलाह दी गई है। स्वस्थ खाने-पीने की आदतों को बढ़ावा देने के लिए ICMR ने नेशनल इंस्टीट्यूट औफ न्यूट्रिशन (NIN) के साथ मिलकर 17 नई गाइडलाइन जारी की है।
ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक गन्ने के जूस में शुगर का स्तर प्रति 100 मिलीलिटर पर 13 से 15 ग्राम होता है। आईसीएमआर की ओर से कहा गया है कि, “गर्मियों के दिनों में भारत में गन्ने के जूस का बड़े स्तर पर सेवन किया जाता है। गन्ने के जूस में हाई शुगर होती है। इसलिए इस जूस का सेवन कम करना चाहिए।“ चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक एक वयस्क को एक दिन में 30 ग्राम से ज्यादा मात्रा में शुगर नहीं लेना चाहिए। वहीं 7 से 10 साल उम्र के बच्चों के लिए ये मात्रा 24 ग्राम है।
वहीं आईसीएमआर ने शुगर मिलाए गए पैकेज फ्रूट जूस भी नहीं पीने की सलाह दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अच्छी सेहत के लिए फाइबर और न्यूट्रीशन युक्त फल खाना किसी भी जूस से बेहतर विकल्प है। ऐसे में कुछ लोग फल खा नहीं सकते तो वो क्या करें। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप फल नहीं खा सकते है तो ध्यान रखे कि जूस में पूरे फल का 100-150 ग्राम हिस्सा ही एक सर्विंग के लिए इस्तेमाल करें।
हर तरह की कार्बोनेटड और नॉन-कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स भी ICMR की लिस्ट में शामिल है। इन ड्रिंक्स में चीनी के साथ-साथ मिठास के लिए आर्टिफिशियल शुगर, एडिबल एसिड और आर्टिफिशियल फ्लेवर मिलाए जाते हैं। जो सेहत को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। ICMR की ओर से कहा गया कि, “सॉफ्ट ड्रिंक्स पानी और ताजा जूस का विकल्प नहीं है, इसलिए इसका सेवन करने से बचना चाहिए।” संस्थान ने इनके बजाय छाछ, नींबू पानी, नारियल पानी या बिना चीनी मिला ताजा जूस पीने की सलाह दी है।
गर्मी हो या सर्दी चाय-कॉफी लोगों के आम जीवन का हिस्सा बनी हुई है। चाय-कॉफी में कैफीन होता है, जिसका ज्यादा मात्रा में सेवन शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। ICMR की गाइडलाइन में बताया गया कि 150ml की कॉफी में 120mg, जबकि चाय के एक कप में 30-65mg कैफीन मिलता है। वहीं 24 घंटे में एक को 300mg से ज्यादा कैफीन नहीं लेना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, खाना खाने से एक घंटे पहले या एक घंटे बाद ही चाय-कॉफी पीनी चाहिए। इन ड्रिंक में मौजूद टैनिन आयरन के अवशोषण (absorption) को प्रभावित कर सकते हैं। जिससे आयरन की कमी या फिर एनीमिया हो सकता है। कॉफी ज्यादा पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ने की परेशानी हो सकती है।
इन सब बातों को ध्यान में रखने के साथ ही आईसीएमआर फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, कम वसा वाले मांस और समुद्री भोजन से भरपूर संतुलित आहार के महत्व पर जोर देता है। गाइडलाइन अच्छी हेल्थ बनाए रखने के लिए तेल, चीनी और नमक की खपत भी सीमित करने की सलाह देती है।