रेप के मामले में दोषी आसाराम बापू (सोर्स - सोशल मीडिया)
गांधीनगर: गुजरात के हाई कोर्ट ने रेप के मामले में दोषी आसाराम बापू को बड़ी राहत दी है। आसाराम की जमानत 31 मार्च को पूरी होने वाली थी जिसे अब तीन महीने के लिए बड़ा दिया गया है। आसाराम को यह जमानत रेप से जुड़े एक मामले में दी गई है। 31 मार्च को पूरी होने वाली अंतरिम जमानत 3 महीने के लिए बढ़ाई गई है जिससे अब आसाराम 30 जून तक बाहर रहेगा। गुजरात हाईकोर्ट ने यह फैसला दोषी के मेडिकल की स्थति और उसकी सारी रिपोर्ट के व मेडिकल ग्राउंड्स के आधार पर लिया गया है।
बता दें कि आसाराम को यह जमानत दी गई थी इसकी अवधि 31 मार्च को पूरी होने जा रही थी, लेकिन इससे पहले ही गुजरात की कोर्ट के द्वारा अब यह अवधि 90 दिन बढ़ाकर 30 जून तक कर दी गई है। आसाराम बापू को 2013 के एक बलात्कार मामले में 2023 में अदालत ने दोषी पाया था और वह वर्तमान में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं।
आसाराम को 2013 के बलात्कार मामले में 2023 में अदालत ने दोषी पाया था और वह तब से ही आजीवन कारावास की सजा काट रहे है। दीषी ने इस मामले में छह महीने की अस्थायी जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करी थी। इस मामले में आसाराम के वकील ने तर्क दिया कि डॉक्टरों की राय के हिसाब से उन्हें 90 दिनों के चिकित्सा की आवश्यकता है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में ही 31 मार्च तक चिकित्सा के आधार पर अंतरिम जमानत दी थी। शुक्रवार (28 मार्च) आज न्यायमूर्ति इलेश जे. वोरा व न्यायमूर्ति संदीप एन. भट्ट की खंडपीठ ने विभाजित फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति वोरा ने तीन महीने की अस्थायी जमानत दी, जबकि न्यायमूर्ति भट्ट ने इसे खारिज कर दिया।
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न्यायमूर्ति ने अपने आदेश में जिक्र किया कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 7 जनवरी को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी थी। इस बीच 28 जनवरी से 19 फरवरी तक आसाराम ने कई एलोपैथिक और आयुर्वेदिक डॉक्टरों से संपर्क साधा, लेकिन हर एक डॉक्टर को केवल एक बार दिखाया और सलाह के बाद किसी से भी फॉलो-अप नहीं लिया गया। अवधि बढ़ाने के लिए कोई उचित कारण नहीं है इस पर कोर्ट ने कहा कि अदालत के रिकॉर्ड से पता चलता है कि याचिकाकर्ता ने एलोपैथिक उपचार नहीं लिया है,लेकिन आसाराम ने डॉक्टरों से जरूर राय ली थी।