विवेक अग्निहोत्री ने 'द बंगाल फाइल्स' के तीन दमदार डायलॉग किए शेयर
Vivek Agnihotri Film The Bengal Files: फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री की बहुचर्चित फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स : राइट टू लाइफ’ 5 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है। 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे और नोआखाली दंगों की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म को लेकर दर्शकों में पहले से ही उत्सुकता है। इसी बीच निर्देशक ने फिल्म के तीन दमदार डायलॉग सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए बताया कि ये संवाद हमेशा लोगों के दिलों में दर्ज रहेंगे।
अग्निहोत्री ने इंस्टाग्राम पर फिल्म का एक पोस्टर शेयर किया और लिखा कि ऐसे संवाद जिन्होंने देश को झकझोर दिया। ये तीखे प्रहार करने वाले डायलॉग हमेशा याद रहेंगे। इन तीन संवादों के जरिए फिल्म भारतीय इतिहास के उस काले अध्याय को उजागर करती है, जिसे अक्सर नजरअंदाज किया गया। पहली लाइन एक्ट्रेस सिमरत कौर की है, जो कहती हैं कि जमीन का टुकड़ा नहीं, भारत का लाइटहाउस है बंगाल। यह डायलॉग बंगाल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अहमियत को बयां करता है।
दूसरा संवाद पल्लवी जोशी का है, जिसमें वे कहती हैं कि ये सब एक खेल है, लोग लड़ते हैं, देश जलता है और खेल चलता रहता है। यह लाइन राजनीति और सत्ता संघर्ष पर करारा व्यंग्य है, जो आम जनता की पीड़ा को सामने लाती है। तीसरा और सबसे प्रभावशाली संवाद मिथुन चक्रवर्ती का है। हाथ में ताबीज और मौली लेकर वे पूछते हैं कि बता सकते हो इनमें से ‘वी द पीपल ऑफ इंडिया’ कौन है? यह सवाल दर्शकों को सीधे संविधान और लोकतंत्र की मूल भावना से जोड़ता है।
‘द बंगाल फाइल्स’ विवेक अग्निहोत्री की फाइल्स ट्रायोलॉजी की तीसरी और अंतिम कड़ी है। इससे पहले उनकी ‘द ताशकंद फाइल्स’ (2019) और ‘द कश्मीर फाइल्स’ (2022) ने देशभर में चर्चाएं बटोरी थीं। शुरुआत में इस फिल्म का नाम ‘द दिल्ली फाइल्स’ रखा गया था, लेकिन जनता की मांग पर इसे बदलकर ‘द बंगाल फाइल्स’ कर दिया गया।
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निर्माता-निर्देशक ने बताया कि इस फिल्म के लिए चार साल तक गहन रिसर्च किया गया। इस दौरान 20 राज्यों की यात्रा, 100 से ज्यादा किताबों का अध्ययन और 7,000 से अधिक शोध पन्नों का सहारा लिया गया। विवेक अग्निहोत्री का कहना है कि यह फिल्म भारत की नियति को दिल्ली से जोड़ती है, लेकिन इसका केंद्र बंगाल की अनकही सच्चाई है। हाल ही में कोलकाता में फिल्म का ट्रेलर लॉन्च भी विवादों में घिर गया था, जब पुलिस ने इसे रोकने की कोशिश की। विवेक ने इसे राजनीतिक दबाव बताया। बावजूद इसके, फिल्म को लेकर दर्शकों में भारी उत्साह है और इसके संवाद पहले ही चर्चा का विषय बन चुके हैं।