अरुण गोविल बर्थडे (सौ. सोशल मीडिया)
मुंबई: रामायण दुरदर्शन पर सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला शो था। इसका प्रसारण 25 जनवरी 1987 से शुरू हुआ था। शो का आखिरी एपिसोड 31 जुलाई 1988 को प्रसारित किया गया था। शो में अरुण गोविल ने राम का किरदार निभाया था। जिसके बाद वे इस भूमिका से बाहर नहीं निकल पाए। शो को प्रसारित हुए 37 साल हो चुके हैं पर एक्टर आज भी टीवी के राम के नाम से जाने जाते हैं। आज अरुण गोविल अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनके इस खास दिन में जानते हैं उनके बारे में खास बातें।
टीवी के राम अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1952 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। जब वे मेरठ यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे, तब उन्होंने कुछ नाटकों में काम किया था। एक्टर के पिता चाहते थे कि वे सरकारी नौकरी करें पर अरुण कुछ ऐसा करना चाहते थे जिससे सब उन्हें याद रखें। अरुण कभी भी एक्टर नहीं बनना चाहते थे। उनका सपना बिजनेसमैन बनने का था और वे इसी सपने को लेकर मुंबई गए।
एक इंटरव्यू में एक्टर ने बताया था जब उन्होंने राम का किरदार निभाया तो लोग उन्हें सच में भगवान राम समझने लगे थे। वे बाहर कहीं भी निकलते थे तो लोग उनको देख हाथ जोड़ते थे, पैर पड़ने लगते थे। इतना ही नहीं, टीवी में शो के दौरान अगरबत्ती भी जलाया करते थे। इस शो के बाद उन्हें फिल्मों के लिए भी ऐसे ही किरदार के ऑफर आते थे। लोग उन्हें किसी और रूप में नहीं देख सकते थे। इसलिए उन्होंने एक्टिंग से दूरी बना ली थी।
अरुण ने एक इंटरव्यू में कुछ ऐसा खुलासा किया जिससे वे काफी परेशान थे। उन्होंने बताया कि एक बार वे एक तमिल बाइलिंगुअल फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। उसी समय उन्हें सिगरेट की तलब लगी, वे उस समय चेन स्मोकर हुआ करते थे। तो वे एक कोने में जाकर सिगरेट पीने लगे। तब वहां एक शख्स था, वो उन्हें दूसरी भाषा में भला-बुरा बोलने लगा।
तब वहां एक और शख्स था जिससे एक्टर ने पूछा यह क्या बोल रहा है। उस समय उन्हें पता चला कि वो शख्स उनके शो रामायण का फैन था और उन्हें सिगरेट पीते देख गुस्सा हो रहा था। वो बोल रहा था हम आपको भगवान मानते हैं और आप सिगरेट पी रहे हैं। इस घटना के बाद एक्टर ने बताया कि उसके बाद उन्होंने कभी सिगरेट को हाथ नहीं लगाया।
अरुण रामायण के बाद काफी पॉपुलर हुए लेकिन उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में पहला कदम 1977 में ताराचंद बडजात्या की फिल्म पहेली से रखा था। इसके बाद उन्होंने ‘सावन को आने दो’ (1979), ‘सांच को आंच नहीं’ (1979) और ‘इतनी सी बात’ (1981), ‘हिम्मतवाला’ (1983), ‘दिलवाला’ (1986), ‘हथकड़ी’ (1995) और ‘लव कुश’ (1997) जैसी फिल्मों में अहम किरदार निभाया।
एक्टर ने टीवी शो रामायण में राम की भूमिका निभाने से पहले रामानंद सागर के शो विक्रम और बेताल में विक्रमादित्य का रोल किया था। यह उनका पहला टीवी शो था। इसकी सफलता के बाद उन्हें 1987 में रामायण में राम का किरदार मिला। वैसे, अरुण ने ‘लव कुश’ (1989), ‘कैसे कहूं’ (2001), ‘बुद्धा’ (1996), ‘अपराजिता’, ‘वो हुए न हमारे’ और ‘प्यार की कश्ती में’ जैसे कई पॉपुलर टीवी सीरियल्स में काम किया है।