दिल्ली में द बंगाल फाइल्स की स्पेशल स्क्रीनिंग
The Bengal Files Special Screening: दिल्ली में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ की स्पेशल स्क्रीनिंग आयोजित की गई। यह कार्यक्रम शुक्रवार को राजधानी के फिल्म प्रभात डिवीजन ऑडिटोरियम में हुआ, जहां राजनीतिक और सामाजिक जगत की कई जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। इस खास मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा, भाजपा नेता सतीश उपाध्याय और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की पत्नी मल्लिका नड्डा फिल्म देखने पहुंचे।
‘द बंगाल फाइल्स’ ने अपने मजबूत कंटेंट और संवेदनशील विषयवस्तु से दर्शकों को प्रभावित किया। फिल्म बंगाल के ऐतिहासिक और समकालीन मुद्दों को उठाती है और कई अनकहे सच सामने लाती है। फिल्म देखकर मल्लिका नड्डा ने इसे सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह बेहद चिंता का विषय है कि आज भी बंगाल में ऐसी घटनाएं हो रही हैं। निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने इतिहास की कड़वी सच्चाई को बखूबी उजागर किया है।
दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने भी फिल्म की तारीफ करते हुए कहा कि “यह फिल्म बंटवारे और तुष्टिकरण की राजनीति की सच्चाई को सामने लाती है। सिनेमा का दायित्व है सच दिखाना और विवेक अग्निहोत्री ने इसे शानदार ढंग से निभाया है। हर जागरूक नागरिक को यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए। उन्होंने पश्चिम बंगाल में फिल्म के विरोध और प्रतिबंध पर भी प्रतिक्रिया दी। उनके अनुसार, जिनके पास छिपाने को कुछ है, वही अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ खड़े होते हैं। सभी बंगालियों को यह फिल्म देखनी चाहिए, ताकि वे इतिहास की कड़वी सच्चाई जान सकें।
निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल में फिल्म पर लगे प्रतिबंध को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध ‘द बंगाल फाइल्स’ की सच्चाई को और पुख्ता करता है। फिल्म में एक डायलॉग है कि बंगाल दो संविधानों से चलता है, एक भारत का और दूसरा कुछ खास लोगों का। यह प्रतिबंध उसी बात की पुष्टि करता है। फिल्म की मुख्य अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने भी इस मुद्दे पर आवाज उठाई।
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पल्लवी जोशी ने कहा कि किसी भी कलाकार या फिल्म पर प्रतिबंध लगाना असंवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय ने कहा कि यह फिल्म विभाजन और तुष्टिकरण की नीतियों पर गहरा प्रहार करती है। हमें अतीत से सबक लेना होगा कि कैसे हमारे लोगों पर अत्याचार हुए और तत्कालीन सरकारें चुप रहीं।